भोपाल। 10 दिवसीय गणेशोत्सव प्रदेश के साथ देशभर में धूमधाम से मनाया गया। विधि-विधान और भक्तिभाव के साथ भगवान गणेश जी की आराधना के बाद वह विसर्जित हो गए हैं। इसी बीच सीहोर में गणेश विसर्जन के दौरान एक ऐसी घटना घटी, जिसे लोग ईश्वर का चमत्कार मान रहे हैं तो कहीं भगवान महाकाल का के प्रकट होने की बात की जा रही है। जब यह दृश्य देखा गया तो इसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ।
दरअसल, सीहोर के छीपापुर कस्बा में गणेश मंडल द्वारा भगवान गणेश की झांकी बाबा महाकाल की प्रतिमा के साथ स्थापित की गई। 10 दिन बड़े ही धूमधाम से उत्सव मनाने के बाद जब विसर्जन की बारी आई तब दोनों प्रतिमा को केनालवन नदी पर विसर्जन के लिए ले जाया गया, जहां भगवान गणेश जी तो विसर्जित हो गए, लेकिन बाबा महाकाल की प्रतिमा ने थोड़ी दूरी पर जाने के बाद स्वयं आसन लगा लिया। यह दृश्य जब लोगों ने देखा तो आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। इस दृश्य का जब वीडियो वायरल हुआ तो लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई और बाबा महाकाल के प्रकट होने पर मंदिर निर्माण की मांग भी उठने लगी।
उमड़ते आस्था के सैलाब को देखते हुए नदी से निकालनी पड़ी प्रतिमा
इस वीडियो के वायरल होने के बाद नदी में झरने क बीच स्थापित हुए बाबा महाकाल के प्रतिमा को देखने के लिए लोग दूर-दूर से सीहोर के कस्बा इलाके में आ रहे हैं। इस इलाके में आस्था के उमड़ते सैलाब को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने केनलवन नदी से प्रतिमा को वहां निकालकर सीवन नदी में विधि-विधान के साथ विसर्जित कर दिया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सीहोर के कल्याण के लिए महाकाल राजा ने स्वयं स्थापित होकर आदेश दिया है कि उनकी मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा की जाए और भव्य मंदिर का निर्माण हो। एक डिवोटी अक्षत कासट ने फेसबुक पर लिखा है कि जिस प्रकार विक्रमादित्य युग में भगवान श्री गणेश जी ने अपने आपको यहां स्थापित किया था, उसी प्रकार से भगवान शिव महाकाल राजा ने स्वयं को स्थापित कर संकेत प्रदान किए हैं। प्रशासन स्थान प्रदान करें – महाकाल राजा का मंदिर उनकी प्रेरणा और आशीर्वाद से अपने आप बन जाएगा।
पुलिस ने रखा आस्था का ख्याल
छीपापुरा कस्बा में बाल गणेश मंडल द्वारा गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की गई थी। यह प्रतिमा थर्माकोल की थी। वहां गणेश जी विसर्जित हो गए लेकिन बाबा महाकाल की प्रतिमा चद्दर पुल पर बने झरने के पास आकर रूक गई। सड़क के किनारे होने की वजह से वहां से दृश्य नजर आने लगा था। कुछ युवाओं ने वहां फ्लड लाईट लगा दी। जिसके कारण बड़ी संख्या इकट्ठा होने लगी थी। ब्रिज की रैलिंग कमजोर थी, जिसकी वजह से पुलिस ने भीड़ हटवाई और फ्लड लाईट भी हटवाई। झांकी मण्डल से बातचीत और सहमति के बाद बाबा महाकाल की प्रतिमा को निकाला गया और उसके बाद सीवन नदी में पूरे विधि-विधान के साथ विसर्जित किया गया है।
नलेन्द्र बुधोलिया, थाना प्रभारी, कोतवाली थाना, सीहोर