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सोशल मीडिया पर रील्स देखकर छोलेकु लचे और स्ट्रीट फूड खाने पहुंच रहे युवा

न्यू मार्केट और रोशनपुरा के फूड स्टॉल पर मिल रहा खास जायका

अनुज मीणा- शहर में विभिन्न लोकेशंस पर अलग- अलग वैरायटीज का जायका मिल रहा है। इनमें साउथ इंडियन से लेकर नॉर्थ इंडियन और चाइनीज से लेकर इटालियन खाने तक के स्टॉल शहर में देखने को मिलेंगे। अब तो शहर के कई सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर लगने वाले फूड स्टॉल्स और दुकानों की रील्स बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करते हैं। सोशल मीडिया पर इन रील्स को देखकर शहर के युवा भी खाने के स्टॉल्स पर पहुंच रहे हैं।

न्यू मार्केट, रोशनपुरा और आसपास इलाके में भी फूड स्टॉल लगते हैं। इनमें कुछ स्टाल सालों पुराने हैं, जहां सालों से आ रहे ग्राहक स्ट्रीट फूड खाने के लिए आते हैं, तो कुछ स्टॉल कुछ माह पहले ही लगना शुरू हुए हैं लेकिन सोशल मीडिया पर उनकी रील वायरल होने से यंग फूड लवर्स उनके पास पहुंच रहे हैं। वहीं बाहर से आने वाले लोग भी इन स्टॉल्स पर सालों से आ रहे हैं।

23 साल तक दिल्ली में लगाते थे छोले कुलचे का स्टॉल

मेरे पिता ने करीब 23 साल पहले दिल्ली में छोले कुलचे का स्टॉल लगाना शुरू किया था। कुछ समय पहले ही हम भोपाल आए हैं और करीब तीन माह पहले ही न्यू मार्केट में पंचानन भवन के पास स्टॉल लगाना शुरू किया है। हम सुबह 10 बजे से रात 9 बजे तक स्टॉल लगाते हैं। हम यहां पर लोगों को दिल्ली जैसे छोले कुलचे देने का प्रयास कर रहे हैं। भोपाल की बेकरीज पर कुलचे दिल्ली की तरह नहीं मिलते हैं, लेकिन हम छोले में दिल्ली वाला टेस्ट देने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले दिनों एक फूड ब्लॉगर ने हमारी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दी, जिसके बाद से बड़ी संख्या में लोग हमारे यहां छोले कुलचे खाने के लिए आ रहे हैं। हम 50 रुपए में एक प्लेट छोले और दो कुलचे देते हैं। – अभिषेक कुमार, फूड स्टॉल, पंचानन, न्यूमार्केट

22 साल से रोशनपुरा पर लगा रहा हूं स्टॉल

मैं मूलत: नेपाल का रहने वाला हूं और 1982 में भोपाल आया। शुरू में होटल्स पर खाना बनाने का काम करता था। साल 2001 में बेतवा अपार्टमेंट के सामने खुद का फूड स्टॉल लगाना शुरू किया। यहां पर तब कोई स्टॉल नहीं लगता था, सबसे पहले मैंने ही स्टॉल लगाना शुरू किया था। मैं नूडल्स, राइस, ड्राय मंचूरियन, वेज बिरयानी, मोमोज कॉम्बी आदि बनाता हूं, जिसका प्राइज 70 रुपए प्लेट है। हम शाम 5 बजे से रात 10.30 बजे तक स्टॉल लगाते हैं। मेरे दो बच्चे भी मेरे साथ ही काम करते हैं। प्रतिदिन करीब 5 से 6 किलो चावल, 10 किलो नूडल्स, करीब 7 किलो के मंचूरियन की खपत हो जाती है। ग्राहकों को हमारा ड्राय मंचूरियन और वेज बिरयानी काफी पसंद आती है। हमारी कोशिश रहती है कि हाइजीन मेनटेन करें ताकि लोगों का स्वास्थ्य भी ठीक रहे। कई लोग भोपाल आते तो अपने दोस्तों के साथ मेरे स्टॉल पर जरूर आते हैं। – भीम बहादुर, चाइनीज फूड स्टॉल

तीन साल से लगा रहे हैं चाइनीज फूड स्टॉल

हमने करीब 3 साल पहले ही बेतवा अपार्टमेंट के सामने फूड स्टॉल लगाना शुरू किया, जिस पर हम ड्राय मंचूरियन पास्ता, मोमोज, चाउमीन, बिरयानी आदि रखते हैं। शाम 5 बजे से स्टॉल लगाते हैं और प्रतिदिन करीब 100 लोग हमारे स्टॉल पर स्ट्रीट फूड खाने के लिए आते हैं। इतना ही नहीं भोपाल से बाहर से आने वाले यंगस्टर्स भी आते हैं, जो अपनी पसंदीदा चीजें खाते हैं। – नफीस खान, चाइनीज फूड स्टॉल, बेतवा अपार्टमेंट

भोपाल आता हूं तो स्ट्रीट फूड चखने जरूर जाता हूं

मैं कॉलेज के समय से न्यू मार्केट के आसपास के इलाके में स्ट्रीट फूड खाने के लिए आता हूं। अब मैं भोपाल नहीं रहता हूं लेकिन मुझे यहां का स्ट्रीट फूड इतना पसंद है कि मैं जब भी भोपाल आता हूं तो यहां पर खाने के लिए जरूर आता हूं। कुछ दिन पहले पंचानन के पास लगने वाले छोले-कुलचे के स्टॉल की इंस्टा पर रील देखी थी, तो इस बार यहां पर आया तो छोले-कुलचे के स्टॉल पर भी गया और उसका स्वाद लाजबाव था। – अंकेश यादव, फूड लवर

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