जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने कथित गांजा तस्करी के मामले आरोपी बनाए जाने संबंधी आरोप को काफी गंभीरता से लिया। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने 13 अगस्त 2021 के दोपहर 1 बजे से रात्रि 11 बजे तक सीसी टीवी फुटेज सुरक्षित रखे जाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही एकलपीठ ने याचिकाकर्ता के आरोपों पर शहडोल एसपी व कोतवाली टीआई को शपथ पत्र पर जवाब पेश करने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 10 दिन बाद निर्धारित की है।
यह मामला शहडोल पांडव नगर निवासी अंजली राठौर की ओर से दायर किया गया है। जिसमें आवेदिका का दावा है कि उसके पति को कोतवाली पुलिस ने झूठे मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। याचिका में कहा गया वह पति के साथ एक स्कॉर्पियो वाहन में सफर कर रही थी, तब शहडोल बस स्टैंड से पुलिस ने 13 अगस्त 21 को गाड़ी सहित दोपहर 2.10 बजे उठा कर ले गई और रात 11 बजे फर्जी गांजा का प्रकरण बना दिया। उस एक दिन में पुलिस द्वारा तीन एफआईआर में याचिकाकर्ता के पति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेजा गया।
पत्नी ने ये रखा पक्ष
याचिकाकर्ता का कहना है कि जहां से उसके पति दिगंबर और उक्त गाड़ी चालक सुनील राव को गिरफ्तार किया गया, वहां पर सीसी टीवी कैमरा लगा हुआ है। साथ ही जिस रास्ते से पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर ले गई, वहां पर लगभग 11 जगह सीसीटीवी फुटेज हैं साथ ही थाना परिसर में भी सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है। जहां पर मुल्जिम दिख रहा है कि उसको थाना परिसर में ले जाकर हवालात में डाल दिया गया।
ये लगाया गया आरोप
आरोप है कि कोतवाली थाना प्रभारी द्वारा फर्जी गांजा का मामला 11 बजे रात को तैयार कर जेल भेजा गया, साथ ही उसी दिनांक को 2 और मामले दर्ज किए गए, उसमें भी आरोपी का नाम सहअभियुक्त में जोड़ दिया गया। मामले में राहत चाही गई कि जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए। सुनवाई के पश्चात न्यायालय ने उक्त निर्देश दिए। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सीएम तिवारी ने पक्ष रखा।