पल्लवी वाघेला-भोपाल। आज के युवा पढ़-लिखकर अच्छी नौकरी का सपना देखते हैं, लेकिन नरसिंहपुर के इस किशोर की कहानी इससे अलग है। 10वीं में स्कूल टॉपर रहा यह किशोर एग्रीकल्चर की पढ़ाई कर खेती-किसानी करना चाहता था, जबकि किसान पिता का सपना उसे आईएएस बनाने का था। उन्होंने ज्यादा दबाव बनाया तो वह घर छोड़कर भाग निकला। हालांकि हाल ही में भोपाल स्टेशन पर रेलवे पुलिस ने उसे रेस्क्यू कर परिजन को सौंपा।
बाल कल्याण समिति की काउंसलिंग के दौरान नरसिंहपुर के रहने वाले इस 16 वर्षीय किशोर ने बताया कि उसकी पढ़ाई में रुचि है। पिता क्षेत्र के समृद्ध किसान हैं, इसलिए वह भी स्टडीज पूरी कर किसान बनना चाहता है। 10वीं के बाद कक्षा 11वीं में उसने पीसीएम की जगह एग्रीकल्चर सब्जेक्ट चुनने की इच्छा जाहिर की तो पिता नाराज हो गए। इससे दुखी होकर उसने घर छोड़ दिया। वह गुजरात जा रहा था। उसने कहा, जब भी वह खेत पर होता है, तो सुकून मिलता है।
पिता बोले-बेटा पढ़ने में होशियार है, वह चाहते हैं प्रशासनिक अधिकारी बने
इधर, बेटे को लेने के लिए भोपाल पहुंचे पिता ने कहा- उनका जीवन खेती में गुजर गया। बेटे का दिमाग तेज है, इसलिए वह चाहते हैं कि वह प्रशासनिक अधिकारी बने। उन्होंने कहा कि बेटा अभी नादान है, वह आईएएस बनने के बाद भी खेती कर रहे भाइयों की मदद कर सकता है। मामले में बच्चे के साथ पिता की भी काउंसलिंग की गई है। उन्हें समझाया गया कि अब कोई फील्ड ऐसा नहीं है, जहां रुचि होने पर सफलता न मिल पाए। वहीं, बेटे को भी समझाया कि वह पूरा फोकस पढ़ाई पर रखे।
नौकरी छोड़ किसान बने
- शहडोल के मनोज अहूजा ने 2021 में लंदन की नौकरी छोड़ी, अनाज – जैविक सब्जियों की खेती करते हैं।
- छतरपुर के सिविल इंजीनियर शंकर लाल कुशवाह ने कई बड़ी कंपनियों में नौकरी के बाद 2017-18 में फूलों की खेती को चुना।
कोई क्षेत्र कमतर नहीं
एग्रीकल्चर ऐसा क्षेत्र है, जिसमें डिमांड कभी खत्म नहीं हो सकती। यदि बच्चा अपने लिए कोई करियर चुनता है, तो पैरेंट्स को चाहिए कि उसकी भावनाओं को समझें। यदि सहमत नहीं हैं तब भी सख्ती की बजाए बातचीत से हल निकालें।-दिव्या दुबे मिश्रा, काउंसलर