
इंदौर। इंदौर के चंदन नगर थाना क्षेत्र के ग्रीन पार्क कॉलोनी स्थिति फातमा अपार्टमेंट में रहने वाले 41 वर्षीय सरफराज मेनन को एटीएस मुंबई ने हिरासत में लिया था। मंगलवार देर रात तक मुंबई एटीएस ने उससे पूछताछ की। सरफराज के ई-मेल और मोबाइल फोन की डिटेल और वॉट्सऐप डाटा पुलिस खंगाल रही है, लेकिन वॉट्सऐप डाटा डिलीट है। ATS एक डाटा रिकवर करेगी। एटीएस ने उसे सशर्त छोड़ दिया है।
पाकिस्तान जाने की पुष्टि नहीं
पूछताछ में पता चला था कि सरफराज मेनन हांगकांग और चीन गया था, लेकिन वह पाकिस्तान जाने की बात से मुकर गया था। एटीएस सरफराज के बैंक खातों की जानकारी भी निकाल रही है। सूत्रों के मुताबिक हांगकांग और चीन में उसके खातों में 15 से ज्यादा एंट्री मिली हैं। हालांकि, पाकिस्तान जाने की पुष्टि नहीं हुई है।
हांगकांग से जारी कराया था दूसरा पासपोर्ट
एजेंसियों को अब तक यही जानकारी मिली है कि सरफराज पहला पासपोर्ट 2003 में बना था। उसने पहली बार 2006 में पासपोर्ट गुम होने के बाद हांगकांग के दूतावास में सूचना देकर दूसरा पासपोर्ट जारी करवाया था। सरफराज 12 साल हांगकांग में रहा। उसका टूरिस्ट वीजा भी बना। पुलिस को पता चला था कि उसका पत्नी और एक वकील से विवाद है। उसने चीन में एक महिला से शादी कर ली थी। पत्नी से विवाद के बाद उसके तलाक का केस चल रहा था, जिसकी फीस को लेकर उसका वकील से विवाद हो गया था। सरफराज ने कहा कि वकील ने ही उसे फंसाने के लिए एनआईए को मेल कर दिया। वहीं पुलिस का कहना है कि मेल हांगकांग से ही आया था, लेकिन एनआईए को उसकी लोकेशन इंदौर की मुंबई बाजार में मिली थी। इसके बाद मुंबई पुलिस ने यह कार्रवाई की।