भोपाल। प्रदेश के आठ जिलों में रेत अन्य जिलों की तुलना में करीब-करीब बीस फीसदी महंगी मिल रही है। इन जिलों में रेत की आपूर्ति दूसरे जिलों की खदानों से पिछले एक साल से की जा रही है। इसकी मुख्य वजह यह है कि इन जिलों की रेत खदानों का संचालन और नीलाम नहीं होना है। अनूपपुर, रतलाम, बालाघाट, मंडला सहित एक अन्य जिले में ठेकेदारों ने खदान लेने के बाद उसे सरेंडर कर दिया था। जबकि आगर मालवा, भिंड और टीकमगढ़ जिला रेत समूह की खदानों को लेने में ठेकेदारों ने रुचि नहीं दिखाई है। बताया जाता है कि अनूपपुर और मंडला में ठेकेदार का निर्धारण हो गया है, जल्द ही खदान का संचालन किया जाएगा।
इस बार तत्काल आवंटन
इस वर्ष रेत खदानों का संचालन आवंटन के तुरंत बाद कर दिया गया है। इसकी मुख्य वजह यह है कि सरकार इस वर्ष जो भी खदानें नीलाम कर रही है उसका पर्यावरण और माइनिंग प्लान तैयार करने का काम खुद कर रहा है। खनिज साधन विभाग के संचालक अनुराग चौधरी का कहना है कि वे चुनाव ड्यूटीमें पुंडुचेरी में हैं। यहां आने के बाद फाइल देखकर वस्तुस्थिति बता पाएंगे। अनूपपुर के रेत कारोबारी राकेश सिंह का कहना है कि खदानें चालू नहीं होने से शहडोल और छत्तीसगढ़ से रेत का परिवहन किया जा रहा है।
ये बन रही स्थिति
- अनूपपुर, रतलाम, बालाघाट, मंडला सहित एक अन्य जिले में ठेकेदारों ने खदान लेने के बाद उसे सरेंडर कर दिया था
- आगर मालवा, भिंड, टीकमगढ़ में ठेकेदारों नहीं ले रहे रुचि
- खनिज निगम ने चार जिलों की रेत खदानों की दरें पूर्व की दरों से दस फीसदी कम कर दी है