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चुनाव से पहले BJP के हो ही गए विधायक सचिन बिरला : दो साल पहले थामा था दामन, लेकिन विधानसभा में दल-बदल सिद्ध नहीं कर सकी कांग्रेस

भोपाल। खरगोन जिले की बड़वाह सीट से कांग्रेस के विधायक सचिन बिरला आज आखिरकार विधिवत् तौर पर भाजपाई बन गए। वे प्रदेश बीजेपी कार्यालय पहुंचे और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में भाजपा का दामन थाम लिया। इस दौरान पार्टी के स्टेट प्रेसिडेंट वीडी शर्मा समेत तमाम पदाधिकारी भी मौजूद थे। बिरला लगभग दो साल पहले खंडवा लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान ही भाजपा के मंच पर आ गए थे, लेकिन उन्होंने विधायक के पद से इस्तीफा नहीं दिया था।

अनूठा मामला, दो साल नहीं आए विधानसभा

कांग्रेस से सचिन बिरला की खटर-पटर 2020 से ही चल रही थी। अक्टूबर 2021 में खंडवा लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान CM शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में सचिन बेड़िया नामक स्थान पर हुई आमसभा में बीजेपी के मंच पर दिखे। उन्होंने उपचुनाव में भाजपा के लिए वोट भी मांगे। इसके बाद से उन्होंने विधानसभा आना छोड़ दिया। विधानसभा के बाकी सत्रों के दौरान सचिन बिरला लगातार अपनी अनुपस्थिति के आवेदन विधानसभा में भेजते रहे, जिस पर उन्हें गैरहाजिर रहने की मंजूरी मिलती रही। एमपी विधानसभा के लिहाज से यह एक अनूठा मामला भी रहा क्योंकि वे भाजपा में होने के बाद भी बतौर कांग्रेस विधायक सदन के सदस्य बने रहे।

दल-बदल साबित नहीं कर पाई कांग्रेस

अक्टूबर 2021 के बाद सचिन बिरला के केस में कांग्रेस ने लगातार विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखे। हर सत्र से पहले नेता प्रतिपक्ष की तरफ से औपचारिक तौर पर सचिन बिरला को विधानसभा से अयोग्य घोषित कर सदस्यता रद्द करने की मांग की जाती, लेकिन इस पर कभी चर्चा नहीं हो सकी। इस दौरान कई बार पत्राचार के दौरान विधानसभा की तरफ से विधायक के दल-बदल के प्रमाण कांग्रेस से मांगे गए, लेकिन ये मामला हर बार ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। ये भी एक अचरज भरी बात है कि कांग्रेस इस दो साल की अवधि में सचिन बिरला के दल-बदल के सबूत तक नहीं ला सकी।

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