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Dollar VS Rupee: डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर रुपया… 85 के पार पहुंचा, US फेड की पॉलिसी का असर; ब्याज दरों को 0.25% घटाया

बिजनेस डेस्क। आज, 19 दिसंबर को रुपया अपने रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले इसमें 12 पैसे की गिरावट आई और यह 85.06 रुपए प्रति डॉलर के अब तक के सबसे कम स्तर पर खुला। अमेरिकी फेड के फैसले समेत कई अन्य फैक्टर्स की वजह से रुपए में इतनी कमजोरी दिख रही है। 18 दिसंबर 2024 को रुपया डॉलर के मुकाबले 84.94 पर बंद हुआ था।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, इस गिरावट के कारणों में हाल ही में वैश्विक बाजार में क्रूड ऑइल की कीमतों में वृद्धि और भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों द्वारा बिकवाली का असर प्रमुख है। इसके अलावा, जियो-पॉलिटिकल तनावों का भी रुपया पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

फेड ने ब्याज दरों में 0.25% की कटौती की

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.25% की कटौती की है, लेकिन अगले साल धीमी दरों में कटौती करने का संकेत दिया है। इसके कारण वैश्विक बाजारों में गिरावट आई है। बुधवार को भारतीय शेयर बाजारों में भी गिरावट देखने को मिली, और निफ्टी-50 24,200 के नीचे बंद हुआ। सेंसेक्स में भी 502 अंक की गिरावट आई और यह 80,182 पर बंद हुआ।

2025 में सिर्फ दो बार ब्याज दरों में कटौती

अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने दिसंबर की पॉलिसी मीटिंग में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया, जिसका वैश्विक प्रभाव देखने को मिल रहा है। फेड ने 2025 में दरों में केवल 2 बार कटौती की संभावना जताई है, जबकि सितंबर में चार बार कटौती का अनुमान था। फेड ने 2024 में कोर PCE महंगाई दर को 2.8% और 2025 में 2.5% रहने का पूर्वानुमान किया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि अमेरिका में महंगाई लंबे समय तक बनी रह सकती है। इसके बाद, डॉलर इंडेक्स 2 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जिसका असर भारत और अन्य उभरते बाजारों की मुद्राओं पर भी पड़ा। मॉर्गन स्टैनली ने भी अपने आउटलुक में बदलाव करते हुए सतर्क दृष्टिकोण अपनाया है।

कैसे तय होती है करेंसी की कीमत?

डॉलर की तुलना में किसी भी अन्य करेंसी की वैल्यू घटे तो इसे उस करेंसी का गिरना, टूटना, कमजोर होना कहते हैं। हर देश के पास विदेशी मुद्रा का भंडार होता है, जिससे वह अंतर्राष्ट्रीय लेन-देन करता है। इसके घटने और बढ़ने से उस देश की मुद्रा की चाल तय होती है। फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में अधिकांश मुद्राओं की तुलना डॉलर से होती है। इसके पीछे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुआ ‘ब्रेटन वुड्स एग्रीमेंट’ है।

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