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भोपाल में संघ प्रमुख ने भारत विभाजन को बताया कृत्रिम, बोले- सिंध प्रदेश नहीं भूल सकते हैं; CM शिवराज ने सिंधी समाज को दी कई सौगातें

भोपाल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने भारत के 1947 में हुए विभाजन को शुक्रवार को ‘कृत्रिम’ बताते हुए कहा कि हम ‘सिंधू’ और ‘सिंध प्रदेश’ को भूल नहीं सकते हैं। भागवत ने यहां भारतीय सिंधू सभा की ओर से आयोजित भव्य समारोह को संबोधित किया।

भेल दशहरा मैदान पर आयोजित कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से सिंधी समुदाय के महिला और पुरुष शामिल हुए। इस दौरान संघ प्रमुख और सीएम शिवराज ने यहां लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

सबकुछ छोड़कर भारत आए : भागवत

अमर शहीद हेमू कालाणी जन्मशताब्दी वर्ष पर आयोजित इस समारोह में भागवत ने कहा कि कृत्रिम विभाजन के कारण इस (सिंधी) समाज के लोग अपनों को छोड़कर भारत में आए। यह दर्द अब भी सबके मन में हैं। वे अपनी जमीन और सबकुछ छोड़कर आए। उस समय की पीढ़ी की यादों में सबकुछ अब भी है, लेकिन इस समाज की नई पीढ़ी जो यहां जन्मी है, उसे इस बात का भान कराना पुरानी पीढ़ी की ही जिम्मेदारी है। उन्होंने देश के विभाजन के संदर्भ में कहा कि शरीर खंडित हुआ है, लेकिन ज्यादा लंबे समय तक शरीर खंडित नहीं रह सकता है।

पाकिस्‍तान भी कहता है गलती हो गई

मोहन भागवत ने कहा, अब तो पाकिस्तान के लोग भी कहते हैं कि गलती हो गई। लेकिन, हम यहीं नहीं कहते हैं कि भारत को आक्रमण करना चाहिए, क्योंकि हमारी संस्कृति और पहचान आक्रमणकारी के रूप में नहीं है। लेकिन भारत विश्व गुरू बनेगा। और अखंड भारत फिर से बनेगा। भागवत ने कहा कि वे यह नहीं जानते कि यह सब कैसे होगा, लेकिन ये अवश्य होगा। आदिकाल से सिंधु और सिंध का सहभाग रहा, आज भी है।

सिंधू ही हिंदू है : भागवत

भागवत ने कहा कि सिंधू ही हिंदू है। हमें सभी षड़यंत्रकारियों और षड़यंत्रों से सावधान रहना है। और अपने स्वराज्य को पाने के लिए सदैव तत्पर रहना है। उन्होंने शहीद हेमू कालाणी और अन्य क्रांतिकारियों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने भी स्वराज्य को पाने के लिए ही अपनी जान की बाजी लगाई थी। यह सब उपक्रम सिर्फ देश से अंग्रेजों को हटाकर अपनी यानी भारतीयों की सत्ता हासिल करना अकेला नहीं था। हमें अपनी संस्कृति के अनुरूप व्यवस्था स्थापित करने का कार्य करना है। समारोह में भागवत और सीएम शिवराज ने सिंधी समाज की विभिन्न विभूतियों का सम्मान किया।

आपने सिंध छोड़ा, अब पूरा हिंद आपका है : सीएम

सीएम शिवराज ने कार्यक्रम में अपने संबोधन की शुरुआत सिंधी भाषा में अभिभादन के साथ की। उन्‍होंने उन्‍होंने सिंध प्रांत की विशेषता बताई और बंटवारे के दौर को याद करते हुए कहा कि सिंधी समुदाय के लोगों ने अपनी संस्‍कृति, अपने धर्म की रक्षा के लिए अपनी भूमि छोड़ दी। उन्होंने अपना जीवन शून्य से शुरू किया और खुद को स्थापित किया। हमें अपनी जड़ों को छोड़ना पड़े तो इसका दर्द रहता है। युवाओं से आग्रह है कि अपनी जड़ों से जुड़े रहें। संस्कृति, परंपरा, वेशभूषा, भाषा, खानपान, महापुरुष न भूलें। सिंधियों को नागरिकता देने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। आपने सिंध छोड़ा, लेकिन अब पूरा हिंद आपका है।

सिंधु सभ्‍यता पर बनेगा संग्रहालय : सीएम

सीएम शिवराज ने सिंधी समाज को कई सौगातें दीं। सीएम शिवराज ने कहा कि मप्र की पाठ्य पुस्तक में सिंधी महापुरुषों को पढ़ाया जाएगा। सम्राट दाहिर सेन, हेमू कालाणी की जीवनी पाठ्यक्रम में शामिल करेंगे। सिंधु दर्शन के लिए जाने वालों को 25 हजार रुपए अनुदान देंगे। मप्र में सिंधू समाज के महापुरुषों और सिंधु सभ्यता का संग्रहालय बनाया जाएगा। प्रदेश में सिंधी साहित्य अकादमी का बजट बढ़ाकर 5 करोड़ किया जाएगा।

भोपाल के मनुआभावन टेकरी के अलावा इंदौर और जबलपुर में भी बलिदानी हेमू कालाणी की प्रतिमा लगेगी। मप्र में संग्रहालय बनाएंगे। सिंधु सभ्यता का सभी कुछ रहेगा। 1614 वर्ग फीट के मकान को 1 प्रतिशत मूल्य लेकर पट्‌टा वैधानिक किया जाएगा। इसी तरह दुकान को भी वैध किया जाएगा। आज ही इसके आदेश निकाल दिए जाएंगे।

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