
अशोक गौतम, भोपाल। भोपाल, इंदौर में मेट्रो का राज्यांश सहित 400 निकायों के विभिन्न योजनाओं और चुंगी क्षतिपूर्ति, मुद्रण शुल्क सहित अलग- अलग योजनाओं से करीब 1,850 करोड़ सरकार के पास लंबे समय से रुके हैं। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने इस राशि को जारी करने के लिए वित्त विभाग से डिमांड की है। राशि जारी होने में हो रही देरी से निकायों में विकास कार्यों की गति धीमी पड़ गई है। कई जगह हालात ये हैं कि वेतन बांटने में भी परेशानी हो रही है। निकायों को राज्य वित्त आयोग, सड़क अनुरक्षण और मुद्रांक शुल्क की एक हजार करोड़ से अधिक राशि अभी तक नहीं मिली है। यह वित्तीय वर्ष 2 माह में समाप्त होना है।
ये पैसा भी अटका
नगरीय निकायों को अमृत योजना की पूर्ति के लिए 500 करोड़ रुपए जारी नहीं किए गए हैं, यह योजना भी मार्च में समाप्त हो जाएगी। इसकी भी डिमांड दो माह पहले नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के पास भेजी जा चुकी है।
निकायों में ऐसी परेशानियां
- निकायों को यह राशि नहीं मिलने से उनकी जहां वित्तीय व्यवस्था गड़बड़ा रही है, वहीं छोटे-छोटे विकास कार्य भी रुक गए हैं।
- निकायों के बजट मार्च में पेश होने हैं। राशि नहीं मिलने से नई योजनाओं से जुड़े प्लान तैयार करने में दिक्कत आएगी।
- कई जगह सड़कों और नालियों के काम अधूरे पड़े हैं। चंदेरी, रायसेन, धामनोद सहित प्रदेश में 200 निकायों में कर्मचारियों के वेतन तीन से 6 माह तक लेट वेतन मिल रहा है।
मेट्रो रेल का 350 करोड़ रु. का राज्यांश नहीं मिला
लोकसभा चुनाव से पहले मेट्रो को पटरी पर दौड़ाना था, लेकिन अभी इसका काम काफी पीछे चल रहा है। मेट्रो रेल के संबंध में 350 करोड़ रुपए का राज्यांश जारी नहीं हुआ है।
बदल सकती है चुंगी क्षतिपूर्ति की व्यवस्था
चुंगी क्षतिपूर्ति अभी सीधे सरकार के खजाने में जमा होती है। सरकार इसकी भरपाई बिजली बिलों के रूप में विद्युत वितरण कंपनियों को करती है, लेकिन अब सीधे निकायों में जमा को देने पर विचार किया जा रहा है।
हक का पैसा भी नहीं मिला
करीब दो सौ निकायों में कर्मचारियों के वेतन तीन से 6 माह तक लेट वेतन मिल रहा है। प्रोजेक्ट का पैसा तो नहीं मिल रहा है, हक का भी पैसा नहीं मिला रहा है। -सुरेन्द्र सोलंकी, अध्यक्ष, मध्य प्रदेश निगम, नपा कर्मचारी संघ
अभी एनालिसिस कर रहे हैं
राशि जारी करने के संबंध में आकलन किया जा रहा है। पिछले वर्ष और इस वर्ष एनालिसिस किया जा जा रहा है। नगरीय प्रशासन विभाग से प्रस्ताव आने पर राशि जारी की जाएगी। -ज्ञानेश्वर पाटिल, सचिव वित्त विभाग