जबलपुरमध्य प्रदेश

Rewa News : लोकायुक्त ने जनपद CEO और बाबू को रिश्वत लेते पकड़ा, इस काम के लिए कर्मचारी से मांगे थे रुपए

रीवा। मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला बुधवार को रीवा जिले से सामने आया है। यहां लोकायुक्त टीम ने जनपद सीईओ और बाबू को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। आरोपियों ने मेडिकल लीव पास करने के एवज में कर्मचारी से रिश्वत की मांग की थी।

इसलिए कर्मचारी से मांगे थे रुपए

दरअसल, आवेदक संजीव पाण्डेय रीवा के जनपद पंचायत कार्यालय में परियोजना समन्वयक के पद पर पदस्थ है। जो कि कुछ महीनों से बीमार है। उन्होंने दो महीने पहले ही मुंबई में मेडिकल लीव पर हर्निया का ऑपरेशन कराया था। ऑपरेशन के बाद अपने ही कार्यालय में मेडिकल लीव और बिल पास नहीं हुए, जिस पर उनका दो महीने वेतन रोक लिया था।

आवेदक ने अपने मेडिकल लीव और बिल पास कराने के लिए जनपद पंचायत सीईओ विजय लक्ष्मी मरावी और उनके बाबू महेंद्र वर्मा से संपर्क किया। लेकिन, जनपद सीईओ और बाबू काम के एवज में रिश्वत की मांग कर रहे थे। आवेदक संजीव पाण्डेय ने इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस में कर दी।

जनपद कार्यालय में घूस लेते दबोचा

लोकायुक्त टीम की जांच में शिकायत सही पाई जाने पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की योजना बनाई गई। रीवा लोकायुक्त पुलिस ने बुधवार को जनपद सीईओ विजय लक्ष्मी मरावी को 5 हजार रुपए एवं बाबू महेंद्र वर्मा को 1500 रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोच लिया।

लोकायुक्त टीम ने ये कार्रवाई जनपद पंचायत कार्यालय में की। वहीं आगे की कार्रवाई के लिए दोनों को लोकायुक्त कार्यालय लाया गया है। लोकायुक्त पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की है।

खरगोन में कर्मचारी पकड़ाया

इससे पहले मंगलवार को लोकायुक्त ने खरगोन जिले के महेश्वर जनपद इंस्पेक्टर और लेखापाल को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। आरोपियों ने जीपीएफ की राशि निकालने के लिए सेवानिवृत्त पंचायत समन्वयक अधिकारी से 30 हजार रुपए मांगे थे।

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