
राजीव सोनी / भोपाल। मध्यप्रदेश भाजपा में संगठन पर्व के तहत बूथ, मंडल और जिलाध्यक्षों के निर्वाचन में इस बार महिला नेत्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई लेकिन ये उम्मीद से कम ही रही। महिला लीडरशिप को आगे बढ़ाने के लिए भाजपा संगठन में 33 फीसदी भागीदारी सुनिश्चित करने का संकल्प जताया था जो चुनाव में पूरा नहीं हो पाया। जिलाध्यक्ष और मंडल अध्यक्षों के चुनाव में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बहुत ही कम रहा। अभी 62 में से महज 7 जिलों की कमान ही महिलाओं की हाथ आ पाई। जिलों में करीब 11 फीसदी प्रतिनिधित्व मिल पाया जबकि मंडल के चुनाव यह औसत और कम 5 प्रतिशत ही रहा। प्रदेश में भाजपा संगठन के कुल 1302 मंडलों में से करीब 50-52 स्थानों पर ही महिला अध्यक्ष चुनी गईं।
जबकि सरकार बनाने में महिलाओं की अहम भूमिका
मध्यप्रदेश में सत्ता-संगठन के सभी नेता यह मानते हैं कि पांचवीं बार भाजपा की सरकार बनाने में महिलाओं की अहम भूमिका रही है। खासतौर पर लाड़ली लक्ष्मी, लाड़ली बहना, स्व-सहायता समूह और कन्यादान जैसी योजनाओं के चलते आधी आबादी का झुकाव भाजपा के साथ रहा। प्रदेश में ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ही 40 लाख से अधिक महिलाओं को स्वावलंबी बनाया गया है।
एक से 7 हुईं जिलाध्यक्ष : पार्टी सूत्रों का कहना है कि संगठन में इस बार ज्यादा महिलाओं को लीडरशिप सौंपी गई है। पिछली बार एकमात्र पांढुर्ना जिले में ही महिला नेत्री जिलाध्यक्ष नियुक्त हुई थीं। इस बार सिवनी, नीमच, शहडोल, नर्मदापुरम, खरगोन, सागर ग्रामीण और टीकमगढ़ में नेतृत्व मिला है।
बूथ समिति में 3 महिलाएं: भाजपा संगठन में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए पार्टी ने बूथ स्तरीय 12 सदस्यों की समिति बनाई है। समिति में 3 महिलाएं अनिवार्य रूप से बतौर सदस्य रखी गई हैं। पार्टी के नेताओं का कहना है कि बूथ समिति और मंडल स्तर की नेत्रियों के हाथ में पार्टी का नेतृत्व भी आएगा।
आने वाले दिनों में महिलाओं का पार्टी में नेतृत्व और बढ़ेगा
अधिकाधिक महिलाओं को जिले की कमान सौंपने की पार्टी ने शुरुआत कर दी है। इतनी अधिक महिलाओं को फील्ड का नेतृत्व मिलना गौरव की बात है। जिस तरह पंचायत निकाय चुनाव महिलाओं ने अनारक्षित सीटों पर भी जीत दर्ज की है, वैसे ही संगठन में भी यह संख्या आने वाले समय में और बढ़ेगी। – नीता पटेरिया, पूर्व सांसद
भाजपा ने जो कहा, वह किया, महिला लीडरशिप भी बढ़ी
भाजपा ने हर क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण के काम किए हैं। हमने जो कहा, वह करके दिखाया। पंचायत और निकायों के साथ अब संगठन में भी महिला लीडरशिप बढ़ी है। आगे इसमें और वृद्धि होगी। शासन स्तर पर लाड़ली लक्ष्मी, लाड़ली बहना और मुख्यमंत्री कन्यादान जैसी योजनाओं के नवाचार हो चुके हैं। – यशपाल सिंह सिसोदिया प्रवक्ता,मप्र भाजपा