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आखिरकार मंजूर हो ही गया निशा बांगरे का इस्तीफा, अब सियासी राह को लेकर असमंजस

भोपाल। राज्य शासन ने डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे का इस्तीफा आखिरकार मंजूर कर ही लिया। इस संबंध में विधिवत आदेश आज दोपहर में मिला, जबकि इस पर 23 अक्टूबर की तारीख दर्ज है। कल देर रात तक इस्तीफे को लेकर कोई आदेश नहीं आया था, लिहाजा कांग्रेस ने भी आमला सीट से मनोज मालवे को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया।

पहले इस बात की अटकलें लगाईं जा रहीं थीं, कि आमला सीट से निशा ही कांग्रेस की प्रत्याशी होंगी, लेकिन अब कांग्रेस और निशा दोनों के सामने असमंजस की स्थिति बन गई है। इस्तीफा मंजूर होने के बाद निशा अपने समर्थकों और सलाहकारों से अगले कदम के बारे में विमर्श कर रही हैं। इधर, कांग्रेस प्रत्याशी मनोज मालवे के समर्थक भी इस सीट से प्रत्याशी का नाम बदलने पर बगावत कर सकते हैं।

कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद

छतरपुर जिले के लवकुशनगर में बतौर एसडीएम पदस्थ डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे का त्याग पत्र चार महीने बाद स्वीकार कर लिया गया। निशा ने अपने मकान के उद्घाटन और धार्मिक आयोजन में जाने के लिए छुट्टी नहीं दिए जाने का हवाला देते हुए 22 जून को अपना इस्तीफा भेज दिया था। त्यागपत्र के आवेदन पर सरकार को एक महीने में फैसला लेना था, लेकिन कई औपचारिकताएं पूर्ण नहीं होना बताकर उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया। इसके बाद निशा ने हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए मप्र हाईकोर्ट को तत्काल सुनवाई के लिए कहा। विगत शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में सरकार ने अंडरटेकिंग देते हुए कहा था, कि इस मामले में सोमवार शाम तक निर्णय ले लिया जाएगा।

यह है मामला

छतरपुर के लवकुश नगर में SDM के पद पर पदस्थ निशा बांगरे ने 22 जून 2023 को सामान्य प्रशासन विभाग को अपना इस्तीफा भेजा था। इस्तीफे पर सरकार की ओर से कोई फैसला न लिए जाने पर उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली थी। इस मामले में याचिका दायर कर उन्होंने जीएडी द्वारा 24 जनवरी 1973 को पारित मेमो के तहत इस्तीफे पर तत्काल निर्णय लेने के आदेश सरकार को देने की मांग की थी। इस्तीफा मंजूर न होने पर निशा बांगरे ने सरकार के खिलाफ पदयात्रा भी निकाली थी। उन्हें विगत दिनों भोपाल के एमपी नगर इलाके से प्रदर्शन के  दौरान गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था, जहां से वे अगले दिन रिहा हुई थीं। सोमवार को सरकार ने उनका इस्तीफा मंजूर करने के साथ ही उनके खिलाफ चल रही विभागीय जांच भी खत्म करने का फैसला लिया है।

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