
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान हो गया है। रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में 0.50% इजाफा किया है। इससे रेपो रेट 4.90% से बढ़कर 5.40% हो गई है। इसके साथ ही पिछले चार महीने में रेपो रेट 1.40 फीसदी बढ़ चुका है। वहीं MSP 5.15 फीसदी से बढ़ाकर 5.65 फीसदी किया। MPC बैठक में अकोमोडेटिव रुख वापस लेने का फैसला किया। आरबीआई गवर्नर ने कहा, नीतिगत दरों में बढ़ोतरी का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया।
अर्थव्यवस्था पर भी महंगाई का असर पड़ा
आरबीआई गवर्नर ने कहा, ग्लोबल स्तर पर महंगाई चिंता का विषय है। उभरते बाजारों के घरेलू, वैश्विक खतरे बढ़े हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी महंगाई का असर पड़ा है। कैड सस्टेनेबल लिमिट में है।
FY23 रियल GDP ग्रोथ 7.2% पर बरकरार
आरबीआई गवर्नर ने FY23 रियल GDP ग्रोथ 7.2% पर बरकरार पर बरकरार रखा है। FY23 की पहली तिमाही में GDP ग्रोत 16.2 फीसदी संभव है। FY23 की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.2 फीसदी, तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 4.1 फीसदी और FY23 की चौथी तिमाही में GDP ग्रोथ 4 फीसदी रहने की संभवना है।
FY23 में महंगाई दर 6.7 फीसदी पर बरकरार
दास ने वित्त वर्ष 2022-23 में महंगाई दर को 6.7 फीसदी पर बरकरार रखा है। FY23 की दूसरी तिमाही में महंगाई 7.1 फीसदी संभव है। FY23 की दूसरी तिमाही में महंगाई 6.4 फीसदी और FY23 की चौथी तिमाही में महंगाई 5.8 फीसदी संभव है। वहीं FY24 की पहली तिमाही में महंगाई 5 फीसदी संभव है।
RBI पॉलिसी की बड़ी बातें-
- बेहतर मॉनसून से ग्रामीण मांग में बढ़ोतरी संभव
- बैंकों के क्रेडिट ग्रोथ में सालाना 14% की बढ़ोतरी
- सप्लाई बढ़ने से खाने के तेल की कीमतों में कमी
- घरेलू खाद्य तेल की कीमतों में आगे भी कमी संभव
ईएमआई में हो जाएगा इतना इजाफा
रेपो रेट में इस बढ़ोतरी से आपकी लोन की किस्त बढ़ जाएगी। होम लोन के साथ-साथ ऑटो लोन और पर्सनल लोन की किस्त में भी इजाफा होगा। अगर आपका होम लोन 30 लाख रुपए का है और इसकी अवधि 20 साल की है तो आपकी किस्त 24,168 रुपए से बढ़कर 25,093 रुपए पर पहुंच जाएगी। आइए जानते हैं कि लोन पर ब्याज दर 7.5 फीसद से बढ़कर 8 फीसदी हो जाने पर ईएमआई पर क्या फर्क पड़ेगा।
अमाउंट | अवधि | ब्याज दर | किस्त (रुपये में) | संंशोधित दर | किस्त (रुपये में) | बढ़ोतरी (रुपये में) |
30 लाख रुपये | 20 साल | 7.5% | 24,168 | 8% | 25,093 | 925 |
20 लाख रुपये | 20 साल | 7.5% | 16,112 | 8% | 16,729 | 617 |
10 लाख रुपये | 20 साल | 7.5% | 8,056 | 8% | 8,364 | 308 |
इस साल दो बार बढ़ चुकी है दर
रिजर्व बैंक ने महंगाई को काबू करने के लिए इस साल मई महीने से रेपो रेट को बढ़ाने की शुरुआत की है। रिजर्व बैंक ने मई महीने में मौद्रिक नीति समिति की आपात बैठक बुलाई थी। मई 2022 की बैठक में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाया था।
उसके बाद जून महीने में मौद्रिक नीति समिति की नियमित बैठक हुई, जिसमें रेपो रेट को 0.50 फीसदी बढ़ाया गया। आरबीआई ने मई महीने में करीब दो साल बाद पहली बार रेपो रेट में बदलाव किया था। करीब दो साल तक रेपो रेट महज 4 फीसदी पर बना रहा था। अभी रेपो रेट 4.90 फीसदी है।
महंगाई दर 1980 के बाद से सबसे ज्यादा
अमेरिकी केंद्रीय बैंक US फेडरल रिजर्व ने हाल ही में ब्याज दरों में 0.75% का इजाफा किया था। अमेरिका में महंगाई दर 1980 के बाद से सबसे ज्यादा है। US फेड ने महंगाई पर काबू पाने के लिए लगातार दूसरी बार अपनी पॉलिसी को सख्त करते हुए ब्याज दरों में इजाफा किया था। इससे पहले, जून 2022 में भी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.75% का इजाफा किया था। अमेरिका में अब ब्याज दरें बढ़कर 2.50% तक हो गई हैं।
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इस साल ब्याज दर बढ़ाने वाले ये हैं प्रमुख देश
देश | वृद्धि |
ब्राजील | 4.00 फीसदी |
अमेरिका | 2.25 फीसदी |
कनाडा | 2.25 फीसदी |
ऑस्ट्रेलिया | 1.25 फीसदी |
द. कोरिया | 1.25 फीसदी |
यूके | 1.00 फीसदी |
भारत | 0.90 फीसदी |
यूरोजोन | 0.50 फीसदी |
क्या होता है रेपो व रिवर्स रेपो रेट?
रेपो रेट वह रेट होता है जिस पर RBI से बैंकों को कर्ज मिलता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिस दर पर बैंकों को RBI के पास अपना पैसा रखने पर ब्याज मिलता है।
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