
नरेश भगोरिया, भोपाल। अयोध्या में प्रभु श्री राम के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के उत्सव के लिए सज रहे मंदिरों, नगरों को वे अपनी नजरों से देख नहीं सकते लेकिन मन में खुशी उतनी ही है जितनी कोई अपनी आंखों से राममय हुए देश की झलकियां देख रहा हो। रामोत्सव पर दिव्यांगजों में जो उत्साह है वह देखते ही बनता है। प्रदेश भाजपा कार्यालय में रविवार को सुबह अखंड रामायण पाठ शुरू हुआ। इस आयोजन की विशेषता है कि दिव्यांगजनों ने ब्रेल लिपि में उपलब्ध रामायण का पाठ किया। पाठ करने वाले सभी ब्रेल लिपि अध्ययन में निपुण हैं।
इनमें कोई शासकीय सेवा में है तो कोई बैंक में कार्यरत। बे्रल लिपि में रामायण, सुंदरकांड, हनुमान चालीसा और भगवत गीता को गीता प्रेस गोरखपुर ने प्रकाशित किया है। राजधानी में रामचरित मानस राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान देहरादून के माध्यम से उपलब्ध हुई है। अखंड रामायण पाठ के शुभारंभ अवसर पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने पाठ में शामिल हुए दिव्यांगजनों का सम्मान किया। आज इस रामायण पाठ का समापन होगा।
इस तरह ब्रेल में रामचरित मानस पढ़ने में अभ्यस्त हुए…
पढ़ने का अभ्यास किया : धर्मेंद्र
हरदा जिले के चारुवा के रहने वाले धर्मेंद्र कनाड़े बताते हैं कि इंदौर के डॉ. हेलेने केलर स्कूल में ब्रेल में 10वीं की पढ़ाई की फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स में डिग्री ली। फिलहाल रोजगार की तलाश है। भोपाल में समर्थन संस्था के साथ रहते हुए साथियों के साथ रामचरित मानस और अन्य धर्मग्रंथों को ब्रेल लिपि में पढ़ने का अभ्यास किया। प्रभुराम का मंदिर बन गया यह जीवन की सबसे बड़ी खुशी है।
हॉस्टल में करते थे अध्ययन : बृजेश
शिवपुरी जिले के मूल निवासी बृजेश जाटव ने 10वीं तक शिक्षा इंदौर में ली। इसके बाद वे भोपाल आ गए। बृजेश बताते हैं कि समर्थन संस्था के साथ रहकर पढ़ाई और रोजगार के लिए तैयारियां की। उस दौरान हॉस्टल में हनुमान चालीसा का पाठ होता था तो उसमें भाग लिया करते थे। इसके अलावा वार्षिक उत्सव में भी धार्मिक कार्यक्रम प्रस्तुत होते थे। बृजेश वर्तमान में मंत्रालय में सामान्य प्रशासन विभाग में कार्यरत हैं।
राम आ रहे हैं, यह गूंज सुन रहे हैं: दुर्गा
राजगढ़ जिले के सारंगपुर के रहने वाले दुर्गाप्रसाद पाल भी स्नातक हैं और वर्तमान में रोजगार मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। दुर्गा प्रसाद कहते हैं कि अयोध्या में प्रभु श्री राम मंदिर का भव्य निर्माण हुआ है। हम चहुंओर की चर्चा से महसूस कर रहे हैं कि प्रभु राम आ रहे हैं। हमें जब सूचना मिली की इस अवसर पर रामायण पाठ करना है तो चले आए। बस सरकार हम जैसे दिव्यांगजनों को रोजगार की व्यवस्था और कर दे।