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जनसंघ को खड़ा करने राजमाता ने मंगाई थीं 400 जीपें और 10 हेलीकॉप्टर

इलेक्शन मेमोरी : कांग्रेस से मोहभंग होने के बाद सरकार गिराकर लिया था अपमान का बदला

राजीव सोनी- मध्यप्रदेश की सियासत में कालचक्र ने ऐसा पलटा खाया कि 1971 के चुनाव में भाजपा की पूर्ववर्ती पार्टी जनसंघ के सामने एक-एक सीट जीतने का संकट था साढ़े पांच दशक बाद आज कांग्रेस उस स्थिति में पहुंच गई है। उस वक्त ग्वालियर स्टेट की राजमाता विजयाराजे सिंधिया जनसंघ के लिए संकटमोचक बनकर उभरीं। कांग्रेस से मोहभंग होने और अपने अपमान का बदला लेने उन्होंने जनसंघ को मजबूत करने अपना खजाना ही खोल दिया। उस वक्त अविभाजित मप्र की 320 विधानसभा सीटें और लोकसभा की 40 सीटों पर प्रत्याशियों के लिए उन्होंने 400 नई जीपें मंगाईं और 10 हेलीकॉप्टर किराए पर बुला लिए।

ग्वालियर की सिंधिया प्रेस में युद्ध स्तर पर उम्मीदवारों के लिए प्रचार सामग्री प्रकाशित होती रही। तत्कालीन सीएम डीपी मिश्रा से हुई अनबन के कारण राजमाता ने तीन दर्जन विधायकों को तोड़कर उनकी सरकार गिराकर संविद सरकार बनाकर गोविंद नारायण सिंह को मुख्यमंत्री बनवा दिया था। उसके बाद हुए आम चुनाव में उन्होंने जनसंघ के प्रत्याशियों को अपने निजी खर्चे पर सभी संसाधन उपलब्ध कराए।

राजीव सोनी पॉलिटिकल एडिटर

कार्यालय खर्च व ड्राइवर भी

जनसंघ के तत्कालीन नेता कुशभाऊ ठाकरे, वीरेंद्र कुमार सखलेचा, कैलाश जोशी और सुंदरलाल पटवा को चुनाव प्रचार के लिए हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराए गए। विस और लोकसभा चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशियों के लिए उन्होंने नई जीपें मंगवाईं। जनसंघ के पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह सिसोदिया बताते हैं कि उस वक्त उन्होंने 400 नई जीपें और 10 हेलीकॉप्टर किराए पर मंगवाए थे। सीतामऊ और मंदसौर के लिए 8 जीपें मुहैया कराईं थीं। वह कहते हैं कि मुझे कार्यालय खर्च के साथ ड्राइवर का वेतन भी भेजती रहीं।

जनसंघ में नई ऊर्जा

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा बताते हैं कि राजमाता के जादुई व्यक्तित्व और संकल्प शक्ति की बदौलत जनसंघ में नई ऊर्जा भर गई। नई पीढ़ी को भी उन्होंने जोड़ा। उस वक्त मंदसौर में छात्र राजनीति के हीरो राजेंद्र शर्मा हुआ करते थे। राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने उन्हें ग्वालियर बुलाकर ”हमारी आवाज ” अखबार का संपादक बनाया। रघुजी भी उस वक्त उभरते हुए छात्र नेता थे जो बाद में भाजपा संगठन में विभिन्न पदों पर रहे और विधानसभा और राज्यसभा तक पहुंचे।

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