रायसेन। जिले के सिलवानी विकासखंड शिक्षा कार्यालय में 1 करोड़ 3 लाख 75 हजार 344 रुपए की भारी वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है। इस घोटाले में 6 महीने बाद 26 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया गया है। आरोपियों में 5 प्राचार्य, 1 एलडीसी, 7 अतिथि शिक्षक, 2 सेवानिवृत्त कर्मचारी, 1 आउटसोर्स कर्मचारी और 11 अन्य लोग शामिल हैं।
गबन का मास्टरमाइंड एलडीसी
इस घोटाले का मास्टरमाइंड सिलवानी विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ लिपिक (एलडीसी) चंदन अहिरवार है। उसने 2018 से 2022 के बीच अपने रिश्तेदारों और अतिथि शिक्षकों के खातों में करोड़ों रुपए ट्रांसफर किए।
कैसे हुआ खुलासा?
फर्जीवाड़े का पर्दाफाश तब हुआ जब जिला कोषालय द्वारा अपडेट किए गए ट्रेजरी कोड जनरेट करने के दौरान यह अनियमितता सामने आई। ट्रेजरी कोड में असमानता देखकर अधिकारियों ने जांच शुरू की। जिला शिक्षा अधिकारी (डीडी रजक) के निर्देश पर सिलवानी बीईओ ने अगस्त 2024 में सिलवानी थाने में एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत की थी। इसके बाद डीईओ ने भी पुलिस में मामला दर्ज कराने के लिए पत्र लिखा।
26 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज
सिलवानी थाना प्रभारी जेपी त्रिपाठी ने बताया कि विकासखंड शिक्षा कार्यालय में हुए गबन के मामले में लिपिक सहित 26 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। इनमें 5 प्राचार्य, 7 अतिथि शिक्षक, 2 सेवानिवृत्त कर्मचारी, 1 आउटसोर्स कर्मचारी और 11 अन्य लोग शामिल हैं। पुलिस ने मुख्य आरोपी चंदन अहिरवार को गिरफ्तार कर लिया है और अन्य आरोपियों की जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी।
कब और कैसे हुआ घोटाला?
इस घोटाले को 2018 से 2022 के बीच अंजाम दिया गया। चंदन अहिरवार ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए अपने परिचितों और फर्जी खातों में सरकारी धनराशि स्थानांतरित की। यह धनराशि सरकारी योजनाओं और कर्मचारियों के लिए आवंटित की गई थी, जिसे हड़पने के लिए फर्जीवाड़ा किया गया।