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मोदी सरनेम मानहानि केस : सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को सुनाई 2 साल की सजा, मिली जमानत; जानें पूरा मामला

नई दिल्ली/ सूरत। राहुल गांधी द्वारा मोदी सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी से जुड़े मानहानि केस में सूरत कोर्ट ने गुरुवार (23 मार्च) को फैसला सुना दिया। कोर्ट ने इस मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया। कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा सुनाई, जिसके बाद उन्हें 30 दिन की जमानत भी मिल गई। राहुल गांधी ने कोर्ट में कहा कि- ‘बयान देते वक्त मेरी मंशा गलत नहीं थी।’ कोर्ट ने 17 मार्च को इस मामले में सभी दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। राहुल गांधी 2019 में कर्नाटक में एक रैली के दौरान कहा था कि, ‘सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है।’

कोर्ट में राहुल गांधी ने क्या कहा ?

सुनवाई के दौरान राहुल गांधी ने कोर्ट में कहा कि- मेरा इरादा गलत नहीं था। ”मैंने जो बोला, वो राजनेता के तौर पर बोला। मैं हमेशा देश में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाता रहा हूं।”

सुनवाई के दौरान राहुल के वकील ने जज से अपील की थी कि, उनके बयान से किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। ऐसे में इस मामले में कम से कम सजा सुनाई जाए। वहीं शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने इस मामले में अधिकतम सजा और जुर्माने की मांग की थी।

राहुल धारा 500 के तहत दोषी करार

इस केस में राहुल को आईपीसी की धारा 500 के तहत दोषी करार दिया गया है। इसमें 2 साल की सजा का प्रावधान है। राहुल को कोर्ट ने तुरंत राहत देते हुए 30 दिन की जमानद दे दी। इसके साथ ही कोर्ट ने राहुल को इसी समय में ऊपरी अदालत में अर्जी दाखिल करने का वक्त दिया। वे इस दौरान परमानेंट बेल के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।

क्या है पूरा मामला

राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान ये बयान दिया था। 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में राहुल गांधी ने कहा था कि- नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?

राहुल के इस बयान को पूरे मोदी समाज का अपमान बताते हुए बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था। इस केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में पेश हुए थे।

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