
इस बार दीपावली से पहले पुष्य नक्षत्र का योग बन रहा है। इस बार पुष्य नक्षत्र 18 अक्टूबर को है। इस नक्षत्र में की गई खरीदारी शुभ मानी जाती है और खरीदी गई वस्तु लंबे समय तक साथ रहती है। पुष्य नक्षत्र को सौभाग्य, समृद्धि, सुख, संपदा और पोषण करने वाला माना जाता है।
क्या है पुष्य नक्षत्र ?
ज्योतिष शास्त्र में गणनाएं 27 नक्षत्रों के आधार पर की जाती हैं। नक्षत्रों के इसी क्रम में आठवां स्थान पुष्य नक्षत्र का होता है। इसलिए ज्योतिष शास्त्र में सभी नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा माना जाता है। पुष्य का शाब्दिक अर्थ है पोषण करना या पोषण करने वाला। ज्योतिष शास्त्र में पुष्य नक्षत्र को ऊर्जा-शक्ति प्रदान करने वाला नक्षत्र कहा गया है। पुष्य नक्षत्र को सौभाग्य, समृद्धि और सुख के साथ पोषण करने वाला माना जाता है। इसलिए इसे सभी नक्षत्रों में से पुष्य नक्षत्र को श्रेष्ठ माना जाता है।
कब से कब तक है पुष्य नक्षत्र
पुष्य नक्षत्र 18 अक्टूबर 2022 दिन मंगलवार को ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4 बजकर 30 मिनट से शुरू होने वाला है. इस बार यह नक्षत्र पूरे दिन और पूरी रात रहेगा। यह 19 अक्टूबर को सुबह 7 बजकर 11 मिनट तक रहेगा।
पुष्य नक्षत्र का शुभ मुहूर्त
पुष्य नक्षत्र 18 अक्टूबर को ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 04 बजकर 30 मिनट पर प्रारंभ होगा, जो कि 19 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगा।
इस दिन बन रहा है ये शुभ योग
18 अक्टूबर को यानी पुष्य नक्षत्र में सूर्य और शुक्र दोनों प्रमुख ग्रह तुला राशि में विराजमान होकर कई शुभ योग बनाएंगे। जहां अक्टूबर में बुध और सूर्य मिलकर कन्या राशि में बुधादित्य योग का निर्माण किया है। बुधादित्य योग व्यक्ति को अपार भाग्य प्रदान करता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति का भाग्योदय होता है। 18 अक्टूबर को सूर्य और शुक्र तुला राशि में एक साथ विराजमान होकर इन राशियों को शुभ लाभ प्रदान करेंगे।
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क्यों माना जाता है इसे शुभ
- 18 अक्टूबर के दिन आप घर, साज-सज्जा का सामान, सोफा, वाहन आदि खरीद सकते हैं।
- इस दिन शुभ मुहूर्त में भवन, वाहन, भूमि, आभूषण और अन्य चीजों की खरीदारी करना सबसे अच्छा होता है।
- शुभ योग में खरीदी गई वस्तुएं लंबे समय तक चलती हैं और शुभ फल देती हैं।
- दो या चार पहिया वाहन भी इस शुभ योग में खरीदे जा सकते हैं।
- इसके अलावा पुष्य नक्षत्र में पूजा सामग्री, चांदी या आभूषण, बर्तन, शुभ चिन्ह आदि खरीदने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
- इस दिन हीरा, पुखराज, नीलम, मोती आदि रत्न खरीदने से भविष्य में बड़ा लाभ मिलता है।
- इस विशेष योग में मकान, प्लॉट और फ्लैट खरीदना भी बेहद शुभ माना गया है।
- श्रीसूक्त का पुष्य नक्षत्र में 108 बार पाठ करने से जीवन की आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं साथ ही सुख-सौभाग्य की भी प्राप्ति होती है।
- पुष्य नक्षत्र में शिव परिवार का पूरी विधि-विधान से पूजा करने पर वैवाहिक जीवन खुशहाल होता है।
- ऐसी मान्यता है कि पुष्य नक्षत्र में कन्याओं को बेसन के लड्डू बांटने से विवाह में आ रही बाधाएं भी दूर होती है।
(नोट : यहां दी गई सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। हम मान्यता और जानकारी की पुष्टि नहीं करते हैं।)