
हरियाणा-पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 13 महीने से आंदोलन कर रहे किसानों और केंद्र सरकार के बीच 7वीं वार्ता बुधवार को भी बेनतीजा रही। बातचीत सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक चली। इस बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, पीयूष गोयल और प्रह्लाद जोशी समेत किसान नेता शामिल हुए। वार्ता विफल होने के बाद किसान नेता जब बॉर्डर लौट रहे थे, तब पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। शुंभ और खनौरी बॉर्डर के कई इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
किसान नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया
KMM के संयोजक सरवण पंधेर को मोहाली की एयरपोर्ट रोड पर हिरासत में लिया गया। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के जगजीत डल्लेवाल को पुलिस ने संगरूर में एंबुलेंस समेत घेरकर डिटेन किया। इनके अलावा किसान नेता काका सिंह कोटड़ा, अभिमन्यु कोहाड़, मनजीत राय और ओंकार सिंह को भी पुलिस ने हिरासत में लिया।
किसानों की MSP गारंटी कानून की मांग
किसान 13 फरवरी से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। जब वे दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे थे, तो हरियाणा पुलिस ने बैरिकेडिंग कर उन्हें रोक दिया था। किसान MSP की गारंटी कानून की मांग कर रहे हैं और इसके लिए पहले भी चार बार दिल्ली जाने की कोशिश कर चुके हैं।
किसान नेताओं की गिरफ्तारी से आंदोलन और तेज होने की संभावना है। केंद्र और किसानों के बीच वार्ता जारी रहेगी, लेकिन कोई ठोस हल नहीं निकल पाया है। अब देखना होगा कि सरकार और किसान संगठनों के बीच आगे क्या बातचीत होती है।
किसान संगठनों की प्रमुख मांगें
- सभी फसलों की MSP पर खरीद की गारंटी का कानून बने।
- डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से कीमत तय हो।
- किसान-खेत मजदूरों का कर्जा माफ हो, पेंशन दी जाए।
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए।
- लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए।
- मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए।
- किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा, सरकारी नौकरी मिले।
- विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए।
- मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम, 700 रुपए दिहाड़ी दी जाए।
- नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां व खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाए।
- मिर्च, हल्दी एवं अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए।
- संविधान की 5 सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाए।
किसान आंदोलन 2024-25, अब तक क्या हुआ
- 13 फरवरी : किसान दिल्ली रवाना हुए। पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर रोका।
- 21 फरवरी : पुलिस-किसानों में टकराव हुआ। बठिंडा के शुभकरण की मौत हुई। कई किसान गिरफ्तार हुए।
- 17 अप्रैल: किसानों की रिहाई की मांग को लेकर किसान रेलवे ट्रैक जाम कर बैठ गए।
- 2 सितंबर : शंभू बॉर्डर खोलने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी बनाई।
- 18 नवंबर : किसानों ने 6 दिसंबर को दिल्ली कूच का ऐलान किया
- 26 नवंबर : किसान नेता जगजीत डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत में लिया, आमरण अनशन शुरू।
- 6 दिसंबर : शंभू बॉर्डर से किसानों ने दिल्ली कूच करने की कोशिश की। हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस से खदेड़ा।
- 8 दिसंबर : दूसरी बार दिल्ली कूच की कोशिश की। हरियाणा पुलिस ने एंट्री नहीं दी। किसान लौट आए।
- 14 दिसंबर : किसानों ने चौथी बार दिल्ली मार्च की कोशिश की। हरियाणा पुलिस ने रोक दिया
- 30 दिसंबर : आंदोलन के समर्थन में किसानों ने पंजाब बंद किया। बसें-ट्रेनें नहीं चलीं।
- 4 जनवरी : खनौरी बॉर्डर पर किसान महापंचायत हुई। डल्लेवाल को स्ट्रेचर पर लाया गया।
- 14 फरवरी: केंद्र से पहली मीटिंग हुई, मगर बेनतीजा रही। 22 फरवरी की मीटिंग में भी नतीजा नहीं निकला
- 19 मार्च: केंद्र-किसानों की 7 वीं वार्ता बेनतीजा रही, पंजाब पुलिस ने पंधेर डल्लेवाल को हिरासत में लिया