खंडवा। मध्यप्रदेश का खंडवा शहर इन दिनों भीषण जल संकट से जूझ रहा है। लगातार 15 दिनों से पानी की आपूर्ति ठप होने से नाराज नीलकंठेश्वर और संत विनोबा भावे वार्ड की जनता रविवार को सड़क पर उतर आई। आक्रोशित लोगों ने जसवाड़ी रोड पर चक्का जाम कर दिया, जो खंडवा को महाराष्ट्र से जोड़ता है। प्रदर्शनकारियों ने इंदिरा चौक और माता चौक पर जाम लगाकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
SDM की धमकी से भड़की भीड़
जाम के दौरान स्थिति उस वक्त और तनावपूर्ण हो गई जब मौके पर पहुंचे एसडीएम बजरंग बहादुर सिंह ने लोगों से सख्त लहजे में बात करते हुए कहा, “जाम खोलो, नहीं तो कायमी कर देंगे, अभी करवाता हूं।” इस पर जनता और भड़क गई।
नेता प्रतिपक्ष दीपक मुल्लू राठौर ने मौके पर पहुंचकर एसडीएम को फटकार लगाई और कहा कि जनता से इस तरह बात मत करिए। धमका रहे हैं तो अंदर करिए। हम किसी से डरते नहीं हैं।
घर की महिलाओं ने कहा- पानी भरें या अफसरों के चक्कर लगाएं
प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने बताया कि उन्हें रोज सुबह पानी के लिए परेशान होना पड़ता है। मजदूरी करने जाएं या घर के लिए पानी भरें। गृहिणियों ने कहा कि शिकायत करने पर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही, अफसर सिर्फ आश्वासन देकर वापस भेज देते हैं।
नर्मदा जल योजना बनी परेशानी की जड़
खंडवा में 2009 में नर्मदा जल योजना की शुरुआत की गई थी, जिसका उद्देश्य था शहरवासियों को साफ और सुचारु रूप से जलापूर्ति करना। इस योजना के लिए 120 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए थे जिसमें 80% केंद्र और 20% राज्य सरकार का अंश था। उस समय केंद्र में UPA सरकार थी और कमलनाथ शहरी विकास मंत्री थे।
योजना के अंतर्गत जो पाइपलाइन बिछाई गई, वह लोहे की जगह प्लास्टिक की थी, जिसे लेकर कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया था। उनका कहना था कि यह पाइपलाइन टिकाऊ नहीं है और गर्मियों में टूट-फूट की आशंका बनी रहेगी। कांग्रेस की यह आशंका सही साबित हुई, बीते 15 वर्षों में यह पाइपलाइन 380 से अधिक बार फूट चुकी है।
नई पाइपलाइन के लिए अमृत योजना से मिल रही मदद
कमलनाथ सरकार के दौरान पाइपलाइन बदलने के लिए 80 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए थे। इसके बाद अमृत 2.0 योजना के अंतर्गत 120 करोड़ की लागत से नई पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू किया गया है, जो फिलहाल प्रगति पर है। लेकिन जब तक यह पूरी नहीं होती, तब तक शहरवासी जल संकट की मार झेलते रहेंगे।
घंटों बाद प्रशासन की समझाइश से खुला जाम
अधिकारियों और नेताओं की समझाइश के बाद घंटों जाम के बाद रास्ता खोला गया। हालांकि, आम जनता अब भी आश्वासनों से संतुष्ट नहीं है और जल्द समाधान की मांग कर रही है।
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