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34 दिन से बिना काम के पीएस, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर की पोस्टिंग भी नहीं

सीएम बनते ही डॉ.यादव ने बदला था अपना प्रमुख सचिव, अपर सचिव बने मनीष सिंह को नहीं मिला विभाग

भोपाल। भाजपा की पिछली सरकार में जिन अफसरों की तूती बोलती थी उनमें कुछ आईएएस नई सरकार के आने पर गर्दिश में हैं। मुख्यमंत्री बनते ही डॉ. मोहन यादव ने सबसे पहले अपना प्रमुख सचिव बदला था। इसके बाद सीएम सचिवालय में पदस्थ एक उप सचिव और फिर आयुक्त जनसंपर्क को हटाया गया। पीएस हटने के 34 दिन से बिना काम के हैं। सीएम के प्रमुख सचिव रहे मनीष रस्तोगी को 16 दिसंबर के दिन बदला था। उन्हें अबतक कोई विभाग नहीं मिला है। उनके बैठने का स्थान भी नहीं है। जनसंपर्क आयुक्त रहे मनीष सिंह को 19 दिसंबर के दिन बदला गया। सिंह को मंत्रालय में अपर सचिव बनाया है। उन्हें भी कोई विभाग और चेंबर नहीं मिला है। सीएम सचिवालय में उप सचिव नीरज वशिष्ठ की छुट्टी की गई। इन्हें काम नहीं दिया गया है।

गुना के कलेक्टर रहे तरुण राठी 21 दिन से इंतजार में

गुना जिले में बस दुर्घटना मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कलेक्टर तरुण राठी को हटा दिया था। जिले के कुछ और अधिकारी भी इस बस आगजनी मामले में प्रभावित हुए थे। यहां तक कि ट्रांसपोर्ट कमिश्नर संजीव कुमार झा को भी हटाया गया था। 28 दिसंबर को हुए आदेश के बाद से अबतक तरुण राठी को कोई काम नहीं दिया गया है और ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के तौर पर नई पोस्टिंग नहीं हुई है। 21 दिन से ट्रांसपोर्ट कमिश्नर प्रभार पर हैं।

फिलहाल बड़ी प्रशासनिक सर्जरी का इंतजार

मंत्रालय सूत्रों के अनुसार सरकार ने उप सचिव से लेकर अपर मुख्य सचिव और प्रबंध संचालक के साथ आयुक्त तक बदलने की तैयारी कर ली है। इस प्रशासनिक सर्जरी में ही बिना काम के बैठे आईएएस अफसरों को काम दिया जा सकता है। फिलहाल वैकल्पिक तौर पर एक अधिकारी पर तीन-तीन विभागों का प्रभार भार बढ़ रहा है। संभावना है कि लोस चुनाव की आचार संहिता लगने के पहले तीन दर्जन कलेक्टर और सीईओ जिला पंचायत, चार संभाग आयुक्त बदले जाएंगे। इसके साथ ही निगम-मंडलों में पदस्थ एमडी भी इधर से उधर होंगे।

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