भोपाल। राजधानी में ट्रैफिक की समस्या से निजात दिलाने के लिए बड़े तालाब से फ्लाईओवर निकालने का प्रस्ताव फिलहाल अटक गया है। दरअसल बड़ा तालाब पर रामसर साइट होने से राज्य पर्यावरण समिति से इस प्रस्ताव पर आपत्ति लगा दी है। अब इस प्रस्ताव को भारत सरकार वन पर्यावरण मंत्रालय में अनुमति के लिए भेजा गया है। फ्लाईओवर शीतलदास की बगिया से होते हुए खानूगांव, हलालपुरा और दूसरा हिस्सा एयरपोर्ट तक बनना है।
कॉन्सेप्ट प्लान तैयार कर आरडीसी को सौंपी रिपोर्ट
पीडब्ल्यूडी में ब्रिज शाखा के मुख्य अभियंता संजय खांडे के अनुसार इस पूरे प्रस्ताव की रिपोर्ट एमपीआरडीसी को सौंप दी गई है। एमपीआरडीसी ही इसका निर्माण करेगी। खांडे के अनुसार कमला पार्क, खानूगांव और लालघाटी के पास कॉरिडोर को एप्रोच रोड से जोड़ा जाएगा, जिससे यहां का ट्रैफिक स्मूथ हो सके। पुराने शहर की बसाहट अव्यवस्थित होने से वहां पर नियोजित अधोसंरचना विकास के लिए पर्याप्त खाली जमीन नहीं है।
तीन खंडों में बनेगा
कॉरिडोर तीन खंडों में बनना है। पहला रोशनपुरा चौराहे से कमला पार्क तक 2.8 किमी, दूसरा कमला पार्क से खानूगांव के पास होटल इंपीरियल सबरे तक 3.40 किमी, तीसरा होटल इंपीरियल से स्टेट हैंगर गांधी नगर तक 3.72 किमी।
आगामी 30 सालों के ट्रैफिक को लेकर कार्ययोजना
लोक निर्माण विभाग आगामी 30 वर्षों के यातायात को लेकर योजनाओं का निर्माण कर रहा है। शहर के किसी भी हिस्से से एयरपोर्ट पहुंचने में 30 मिनट से अधिक का समय ना लगे । इसलिए रोशनपुरा चौराहा से गांधी नगर स्टेट हैंगर तक 9.42 किमी लंबे एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण बनाए जाने का प्रस्ताव है। बड़े तालाब से यह कॉरिडोर शीतलदास की बगिया से खानू गांव तक जाएगा। एक हिस्सा एयर पोर्ट और दूसरा हिस्सा हलापुरा जाएगा। फ्लाईओवर 6 से साढ़े 6 किलोमीटर का होगा।
एलिवेटेड कॉरिडोर को लेकर यह बना है प्रस्ताव
- राजा भेज सेतू से होटल इंपीरियल सबरे के बीच एलिवेटेड कारिडोर का 2.40 किलोमीटर का हिस्सा बड़े तालाब के ऊपर से गुजरेगा।
- तालाब के ऊपर 2.80 किलोमीटर का विशेष ब्रिज बनाया जाएगा।
- होटल इम्पीरियल सबरे से हलालपुरा बस स्टैंड की ओर जाने वाला मार्ग भी बड़े तालाब के कैंचमेंट क्षेत्र से होकर गुजरेगा।
पर्यावरण कमेटी की आपत्ति
रामसर साइट होने से बड़े तालाब में फ्लाईओवर का प्रस्ताव वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को भेजा है। प्रदेश के पर्यावरण कमेटी के कुछ सदस्यों ने आपत्ति उठाई है। -गुलशन बामरा, प्रमुख सचिव, पर्यावरण विभाग