
भोपाल। वन विभाग ने नीलगाय और काले हिरण को हेलीकॉप्टर के माध्यम से शाजापुर से गांधी सागर और कूनो में शिफ्ट करने संबंधी टेंडर को निरस्त कर दिया है। एसीएस अशोक बर्णवाल ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हेलीकॉप्टर का अनुभव वन विभाग को नहीं है। टेंडर सहित अन्य व्यवस्थाएं विमानन विभाग को करने दी जाए। वहीं एक दूसरे पत्र में एसीएस ने रॉबिंसन-44 अथवा अन्य हेलीकॉप्टर की डिमांड की है, जिससे नीलगाय और ब्लैकबक को कूनो तक भेजा जा सके।
द. अफ्रीका के विशेषज्ञों की निगरानी में शिफ्टिंग
ब्लौकबक और नीलगाय शिफ्टिंग के लिए दक्षिण अफ्रीका से विशेषज्ञों को बुलाया गया है। दक्षिण अफ्रीका में वन्य प्राणियों को एक जगह से दूसरी जगह पर शिफ्टिंग का काम होता रहता है। शिफ्टिंग टीम एक हफ्ते तक रहेगी। यहां के वन अमले को शिफ्टिंग के संबंध में ट्रेनिंग भी देगी। बताया जाता है कि दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से चीतों को कूनो में शिफ्टिंग का काम दक्षिण अफ्रीका के विशेषज्ञों के माध्यम से किया गया था।
विमानन विभाग से 50 घंटे के लिए हेलीकॉप्टर मांगा
प्रदेश के जिन क्षेत्रों में वन क्षेत्रों में बाघों की उपस्थिति कम है, वन विभाग वहां इनके रहवास विकास की पुख्ता व्यवस्था कर रहा है। इसके जरिए बाघों को उन क्षेत्रों तक विस्तार का प्रयास किया जा रहा है। पहली बार ऐसा हो रहा है कि वन विभाग हेलीकॉप्टर के जरिए नीलगाय को दूसरी जगह शिफ्ट करने की तैयारी में है। विभाग ने विमानन विभाग से 50 घंटे के लिए हेलीकॉप्टर मांगा है। पहले चरण में सौ नीलगाय और काला हिरण को शिफ्ट किया जाएगा। प्रयोग सफल रहा, तो चीतल -सांभर को भी इसी विधि से शिफ्ट किया जाएगा।