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वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री अभय छजलानी का निधन, लंबे समय से थे बीमार; 88 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

इंदौर। वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री अभय छजलानी का गुरुवार को निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनका अंतिम संस्कार गुरुवार शाम करीब 5:00 बजे पंचकुइया मुक्तिधाम में किया जाएगा। शहर के कई प्रमुख मुद्दों को उन्होंने प्रमुखता से उठाया था। भारत सरकार ने उन्हें पत्रकारिता में योगदान के लिए 2009 में पद्मश्री के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया था।

सीएम शिवराज ने दी श्रद्धांजली

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर दुख जताया। उन्होंने लिखा- वरिष्ठ पत्रकार, पद्मश्री अभय छजलानी जी के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। आपका अवसान पत्रकारिता जगत की अपूरणीय क्षति है। ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान और परिजनों को यह गहन दु:ख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं। ।।ॐ शांति।।

कमलनाथ ने जताया दुख

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर वरिष्ठ पत्रकार अभय छजलानी के निधन पर दुख जताया। उन्होंने लिखा- पत्रकारिता जगत की विशिष्ट पहचान पद्मश्री अभय छजलानी जी के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ है। मैं दिवंगत आत्मा की शांति एवं परिजनों को यह असीम दुख सहने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं। हिन्दी पत्रकारिता के आधारस्तंभ छजलानी जी हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे। “भावपूर्ण नमन”

वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री अभय छजलानी के बारे में जानें

  • वरिष्ठ पत्रकार अभय छजलानी का जन्म 4 अगस्त 1934 को इंदौर में हुआ था। उन्होंने 1955 में पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रवेश किया। वे मध्य प्रदेश टेबल टेनिस संगठन के अध्यक्ष रह चुके हैं।
  • वे इंडियन न्यूज पेपर सोसायटी (आईएनएस) के 2000 में उपाध्यक्ष और 2002 में अध्यक्ष रहे।
  • उन्होंने 1963 में कार्यकारी संपादक का कार्यभार संभाला, जिसके बाद लंबे समय तक वे नईदुनिया के संपादक भी रहे।
  • उन्होंने साल 1965 में पत्रकारिता के विश्व प्रमुख संस्थान थॉम्सन फाउंडेशन, कार्डिफ (यूके) से स्नातक की उपाधि ली। इस प्रशिक्षण के लिए हिन्दी पत्रकारिता के क्षेत्र से चुने जाने वाले वे पहले पत्रकार थे।
  • अभय छजलानी भारतीय भाषाई समाचार पत्रों के शीर्ष संगठन इलना के तीन बार (1988, 1989 और 1994 में) अध्यक्ष रहे।
  • साल 2004 में भारतीय प्रेस परिषद के लिए मनोनीत किए गए, जिसका कार्यकाल 3 वर्ष रहा।
  • उन्होंने कई पुरस्कार अपने नाम किए। उन्हें 1986 का पहला श्रीकांत वर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया। पत्रकारिता में विशेष योगदान के लिए उन्हें वर्ष 1997 में जायन्ट्स इंटरनेशनल पुरस्कार तथा इंदिरा गाँधी प्रियदर्शिनी पुरस्कार मिला था।

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