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बांधवगढ टाइगर रिजर्व के कोर जोन में झोपड़ी में लग रहा प्राथमिक स्कूल, वन्य जीवों के डर से बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल के आसपास मौजूद रहते हैं परिजन

उमरिया। उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर जोन स्थित कसेरु गांव के सरइया टोला स्कूल में भवन नहीं होने के कारण झोपड़ी में स्कूल लग रहा है। झोपड़ी में स्कूल लगने के कारण अभिभावक बच्चों को स्कूल लाने ले जाने से लेकर बच्चों की देखरेख के लिए स्कूल के आसपास ही बने रहते हैं। अगस्त 2015 में सरइया टोला में स्कूल शुरू हुई थी, लेकिन आज तक यहां स्कूल भवन नहीं बन पाया। बच्चे झोपड़ी में बैठकर बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं।

जानकारी के अनुसार कसेरु गांव सरइया टोला में 6 अगस्त 2015 से स्कूल संचालित किया जा रहा है। पहले गांव के दयाराम सिंह गोंड के मकान में कक्षा 5वीं तक स्कूल संचालित हो रहा था। इसके बाद दयाराम सिंह गोंड को आवश्यकता होने पर उसने अपना घर खाली करवा लिया। इसके बाद 24 जनवरी से प्राथमिक स्कूल के लिए ग्रामीणों ने एक झोपड़ी बनाई और उसमें पन्नी लगाकर अब बच्चे झोपड़ी में पढ़ाई कर रहें हैं।

स्कूल में 30 बच्चे और दो शिक्षक

सरइया टोला की प्राथमिक शाला तीस बच्चे पढ़ते हैं। जिसमें 16 बालक और 14 बालिकाएं हैं। इन्हें दो शिक्षक पढ़ाते हैं। यहां कुछ चार्ट और एक ब्लैक बोर्ड के भरोसे पढ़ाई चल रही है। स्कूल में मध्याह्न भोजन बनाने की भी व्यवस्था नहीं है, और खुले में मध्याह्न भोजन बन रहा है।

पढ़ाई के दौरान स्कूल के आसपास रहते हैं परिजन

अभिभावक राजभान सिंह, ईश्वरी साहू और राजकुमार सिंह ने बताया कि कसेरु गांव का सरइया टोला स्कूल बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर जोन में स्थित है। पूरे क्षेत्र में बाघ, बाघिन और वन्य प्राणियों की मूवमेंट के साथ हाथियों की भी मूवमेंट बनी रहती है। इसको लेकर स्कूल के आसपास देख-रेख करना पड़ता है।

डीएमएफ मद से होगा भवन निर्माण- बीआरसी

मानपुर विकासखंड के विकासखंड स्त्रोत समन्वयक यज्ञसेन त्रिपाठी ने बताया कि जल्द ही स्कूल को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। भवन ना होने से परेशानी हो रही हैं, यहां डीएमएफ मद से भवन निर्माण कराया जाएगा।

कुछ समय की व्यवस्था है

16 गांव विस्थापन की सूची में है, जहां जंगल विभाग का और बांधवगढ़ पार्क का सीमा क्षेत्र है। जिन्हें खाली करने की प्रक्रिया चल रही है। उसके अलावा घरों को हटाने की कार्यवाही जारी है। मुआवजा राशि वितरण कुछ गांवों को हो गया है। कसेरू गांव में फारेस्ट द्वारा जमीन पर भवन निर्माण नहीं होने देने की स्थिति में भवन का निर्माण स्कूल शिक्षा विभाग नहीं कर पा रहा है, इससे वहां के शिक्षक झोपड़ी में स्कूल लगा रहे हैं, जो कुछ ही समय के लिए है। नई जगह जमीन और भवन अलॉट होने पर स्कूल पक्के भवन में लगेगा। -महेंद्र सिंह गौर, जिला शिक्षा अधिकारी उमरिया

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