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भोपाल को प्रोटेक्टेड फॉरेस्ट एरिया घोषित करने की तैयारी, ताकि हरियाली बची रहे

वन विभाग आज मुख्य सचिव के सामने एक्शन प्लान का देगा प्रेजेंटेशन

विजय एस गौर भोपाल। पेड़ों की कटाई से घटती हरियाली को देखते हुए राजधानी को प्रोटेक्टेड फॉरेस्ट एरिया घोषित करने की तैयारी है। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की नाराजगी के बाद इसको लेकर वन विभाग सक्रिय हो गया है। सोमवार को विभाग द्वारा सीएस के समक्ष एक्शन प्लान के प्रेजेंटेशन की तैयारी है। इसके बाद फॉरेस्ट और रेवेन्यू लैंड के चक्कर में पेड़ों को कटने से बचाने की जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डालने की प्रवृत्ति हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी।

सूत्रों का कहना है कि राजधानी में पेड़ों की कटाई, बड़े तालाब किनारे अवैध निर्माण, कैचमेंट एरिया में अवैध कब्जे, सड़क चौड़ीकरण या प्राइवेट कॉलोनियों के लिए पेड़ों की कटाई से लेकर आसपास के इलाके तक में पेड़ों की कटाई के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पा रही है। इसकी मुख्य वजह फॉरेस्ट और रेवेन्यू डिपार्टमेंट के बीच जमीन के स्वामित्व का मुद्दा है। राजधानी में सरकारी जमीन राजस्व विभाग के अधीन आती है। ऐसे में जब भी पेड़ों की कटाई होती है या पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियां होती हैं, तो वन विभाग कार्रवाई नहीं कर पाता या उसकी जमीन नहीं होने से कार्रवाई में कानूनी अड़चन बताकर पीछे हट जाता है। उधर, राजस्व विभाग ऐसे मामलों में फॉरेस्ट या नगर निगम प्रशासन पर कार्रवाई की जिम्मेदारी डाल देता है। यह समस्या राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए) के समापन के बाद और गहरा गई है। स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि चार इमली में सीपीए के प्लांटेशन वाले इलाके भी सुरक्षित नहीं रहे। यहां पेड़ों को काटकर अवैध निर्माण और गोशाला आदि बनवाए जा रहे हैं।

विदिशा डीएफओ की सीपीए में पोस्टिंग पर भी सवाल 

सूत्रों का कहना है कि लटेरी कांड में लापरवाही बरतने और वन अमले के हत्या के आरोप में हटाए गए विदिशा डीएफओ राजवीर सिंह को सस्पेंड किया जाना था। बावजूद उन्हें सीपीए से अलग हुए फॉरेस्ट वाले हिस्से को पर्यावरण वानिकी का नया डिवीजन बनाकर उसका डीएफओ बना दिया गया। इस पर भी मुख्य सचिव ने सवाल खड़े किए हैं। वहीं जून में रिटायर होने वाले राजवीर सिंह जॉइनिंग के तत्काल बाद से ही लीव पर चले गए।

लापरवाही पर सीएस जता चुके हैं अफसरों से नाराजगी

सूत्रों की मानें, तो सीपीए के समापन के बाद राजधानी में पेड़ों की कटाई के मुद्दे पर बरती जा रही लापरवाही पर हफ्ते भर पहले मुख्य सचिव वन विभाग के अफसरों से नाराजगी जता चुके हैं। उन्होंने कहा कि पेड़ों की सुरक्षा होनी चाहिए और पर्यावरण बिगड़ने नहीं देने के लिए प्लान बनाएं। विभाग जिम्मेदारी दूसरे पर डालने के बजाय कोई कानूनी अड़चन है, तो उसे दूर करने का प्रस्ताव लेकर आएं। यह नहीं चलेगा कि सीपीए खत्म हो गया है, तो भोपाल में कुछ भी होता रहेगा। सूत्रों का कहना है कि मुख्य सचिव के कडे रुख के बाद हफ्ते भर से एक्शन प्लान पर विचार चल रहा है। सोमवार को मुख्य सचिव के सामने पीसीसीएफ और डीएफओ सीपीए के साथ भोपाल सीसीएफ इसे पेश करेंगे।

सीएस के सामने देंगे प्रेजेंटेशन

राजधानी में रेवेन्यू लैंड होने से पेड़ों की कटाई पर वन विभाग कार्रवाई नहीं कर पाता था। ऐसे में प्रोटेक्टेड एरिया घोषित करने के अलावा रेवेन्यू के साथ लैंड को लेकर स्थिति क्लियर करने संबंधी प्रपोजल है। इसका प्रेजेंटेशन सीसीएफ सोमवार को बैठक के बाद मुख्य सचिव के समक्ष देंगे। -रमेश कुमार गुप्ता,पीसीसीएफ, भोपाल

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