ग्वालियर। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर बन रहे स्मारक और वन के लिए 26 हेक्टेयर की पहाड़ी पर लगभग 600 पुराने पेड़ काटने की तैयारी है। इसके बाद अटल वन के नाम से पौधे लगाए जाएंगे। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राज चड्ढा ने पर्यावरण क्षति को लेकर स्टैंड लिया है। चड्ढा का कहना है कि इससे पहले थाटीपुर रीडेंसिफिकेशन के लिए 40 से 100 वर्ष पुराने पेड़ काटे जा चुके हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार से यह अनुरोध करेंगे कि पुराने पेड़ों को काटे बिना विकास परियोजना पर कार्य किया जाए। उल्लेखनीय है कि स्मारक और वन के पहले और दूसरे चरण के कार्यों की लागत 20 करोड़ 4 लाख 59 हजार 165 रुपए आंकी गई है। पहले चरण में म्यूजियम, लाइब्रेरी, हॉल, सोवनियर शॉप आदि बनाए जाएंगे। अटल वन तैयार करने के लिए वन विभाग ने हाल ही में संशोधित डीपीआर अपर वन संरक्षक को भेजी है। इसके बाद से आम जन में आक्रोश बढ़ गया है।
अटल स्मारक और अटल वन के लिए प्रोजेक्ट में 600 नहीं, बल्कि 10 हजार पेड़ काटने की तैयारी है। प्रशासन और वन विभाग गुमराह कर रहा है। हम सरकार से अनुरोध करेंगे ताकि पुराने पेड़ों को बचाया जा सके। – राज चड्ढा, पर्यावरण एक्टिविस्ट
अटल स्मारक का निर्माण नियमानुसार ही हो रहा है। जो भी निर्माण हैं, उनमें यह विशेष प्रयास रहेगा कि पर्यावरणीय क्षति न हो। – रुचिका चौहान, कलेक्टर, ग्वालियर