
प्रयागराज। संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ का आज यानि शुक्रवार को 26वां दिन है, अभी मेला 19 दिन और चलेगा। 26 फरवरी को महाकुंभ का अंतिम दिन है। वहीं त्रिवेणी संगम में श्रद्धालुओं का स्नान जारी है। नागा साधुओं के तीनों अमृत स्नान भी पूरे हो चुके हैं, जिसके बाद नागा साधु वापसी करने लगे है। महाकुंभ में ज्यादातर अखाड़ों ने अब पैकिंग शुरू कर दी।
गुरुवार को कुछ अखाड़ों के नागा साधुओं ने यहां से प्रस्थान कर लिया है। जबकि, कुछ अखाड़े के नागा 12 फरवरी से प्रस्थान करेंगे। वहीं, कुछ अखाड़ों के साधु बसंत पंचमी के स्नान के बाद ही चले गए थे। इनमें से 7 अखाड़ों के नागा साधु अब सीधे काशी विश्वनाथ जाएंगे। वहीं 13 जनवरी से आयोजित महाकुंभ के संगम में अब तक डुबकी लगाने वाले साधु-संतों और श्रद्धालुओं, कल्पवासियों की संख्या 40 करोड़ के पार पहुंच गई है।
महाशिवरात्रि पर मसाने की होली खेलेंगे नागा
महाशिवरात्रि के अवसर पर काशी में इस बार 7 अखाड़ों के नागा साधु काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन और विशेष अनुष्ठान करने के लिए पहुंच रहे हैं। वे 26 फरवरी यानी महाशिवरात्रि तक बनारस में अपना डेरा जमाएंगे। इसके बाद अपने-अपने अखाड़ों में लौट जाएंगे।
नागा साधु महाशिवरात्रि के दिन भव्य शोभायात्रा का आयोजन करेंगे, जिसमें उनकी परंपरागत वेशभूषा और रौद्र स्वरूप देखने को मिलेगा। वहीं मसाने की होली खेलेंगे और गंगा स्नान करेंगे। तीन कार्य पूरा करने के बाद नागा वापसी कर लेंगे।
महाकुंभ और नागा साधु
नागा साधु अपने जीवन को तपस्या और साधना के लिए समर्पित करते हैं। वे सभी सांसारिक सुख-सुविधाओं को त्यागकर जंगलों और पहाड़ों में कठोर साधना करते हैं। लेकिन कुंभ मेले का आयोजन उनके लिए विशेष महत्व रखता है। कुंभ के दौरान वे सभी अखाड़ों से निकलकर संगम की ओर आते हैं और अमृत स्नान के पुण्य लाभ की कामना करते हैं।
शिवभक्त माने जाते हैं नागा
नागा साधु शिवभक्त माने जाते हैं और उनकी दिनचर्या शिव की तपस्या और साधना पर केंद्रित होती है। उनका अस्तित्व त्याग, भक्ति और तपस्या का प्रतीक है। महाशिवरात्रि और कुंभ जैसे आयोजनों में उनकी भूमिका अद्वितीय होती है, जो भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में गहराई से रची-बसी है।
तीनों अमृत स्नान खत्म
इस बार प्रयागराज में 13 जनवरी से आयोजित महाकुंभ का पहला अमृत स्नान 14 जनवरी को था। इस दिन मकर संक्रांति थी। वहीं दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या और तीसरा बसंत पंचमी पर था।
महाकुंभ में अब तक 40 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगा चुके
सरकार द्वारा जारी बयान के मुताबिक, शुक्रवार सुबह तक महाकुंभ में 40 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं और अकेले शुक्रवार को सुबह 10 बजे तक 42.07 लाख श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में स्नान किया। अभी महाकुंभ मेला संपन्न होने में 19 दिन शेष हैं और ऐसे में सरकार का अनुमान है कि डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 50 करोड़ के पार जा सकता है। तीनों अमृत स्नान (मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी) के बाद भी श्रद्धालुओं के जोश और उत्साह में कोई कमी नहीं दिख रही है। देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं।
मौनी अमावस्या पर 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने किया था स्नान
जानकारी के मुताबिक, ‘‘सर्वाधिक 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर स्नान किया था, जबकि 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के अवसर पर डुबकी लगाई। एक फरवरी और 30 जनवरी को दो-दो करोड़ से अधिक और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया था। बसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में डुबकी लगाई।”
पीएम मोदी समेत इन्होंने किया संगम स्नान
महाकुंभ में अभी तक संगम में स्नान करने वाले अति विशिष्ट व्यक्तियों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ (मंत्रिमंडल समेत) शामिल हैं। इनके अलावा प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, श्रीपद नाइक, भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी, राज्यसभा सदस्य सुधा मूर्ति, असम विधानसभा अध्यक्ष विश्वजीत दैमारी समेत कई लोग शामिल हैं। आगामी 10 फरवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भी महाकुंभ आकर संगम स्नान करने का कार्यक्रम प्रस्तावित है।
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