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अलीराजपुर में आदिवासी युवक पर पुलिस की बर्बरता, पीट-पीटकर तोड़े दोनों हाथ

डायल 100 पर फोन कर दी थी गांव में विवाद की सूचना, दो घंटे बाद आने का कारण पूछने पर भड़के पुलिसकर्मी

अलीराजपुर। मध्यप्रदेश में आदिवासियों पर बर्बरता की घटनाएं थम नहीं रही हैं। ताजा मामला अलीराजपुर जिले से सामने आया है। यहां धलखेड़ा गांव के एक आदिवासी युवक को पुलिस ने इस कदर पीटा कि उसके दोनों हाथ टूट गए। बस स्टेशन के पास सरेआम पिटाई के बीच युवक की चीखें सुनकर इलाके के लोग दहशत के चलते घरों में दुबक गए। इसी बीच किसी ने पुलिस की इस बर्बरता का वीडियो बना लिया। युवक का बड़वानी जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।

शिकायत करने वाले को ही उठा लिया

मामला 9 मार्च 2023 का है। इस घटना का वीडियो अब सामने आया है। बताया जा रहा है कि उस दिन पड़ोसी गांव नानपुर गांव में दो पक्षों के बीच विवाद हो गया था। धलपुर के सुनील चौहान ने इसकी सूचना डायल 100 पर दी। जानकारी मिलने के करीब 2 घंटे बाद पुलिस यहां पहुंची और फोन करने वाले सुनील को ही उठा लिया। पुलिसकर्मी उसे बस स्टेशन के पास लाठियों से बुरी तरह पीटा कि बर्बरता के निशान आज भी उसके शरीर पर दिख रहे हैं।

देरी के सवाल पर भड़के थे पुलिसकर्मी

सुनील ने गांव में विवाद की सूचना पुलिस को दी थी। लेकिन पुलिस 2 घंटे देर से आई। पुलिस के देरी से पहुंचने पर सुनील ने आरक्षक से इतना ही कहा था कि पुलिस इतनी देरी से आएगी तो क्या होगा? बस इसी से पुलिसकर्मी तमतमा उठे और उसे गाड़ी में बैठाकर बस स्टेशन के पास ले गए और सड़क पर बेरहमी से काफी देर तक पीटते रहे। घायल अवस्था में सुनील चौहान को बड़वानी जिले के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया था जहां उसका इलाज चल रहा है।

आरक्षक और होमगार्ड सस्पेंड

आरोपी आरक्षक और होमगार्ड जवान, जिन्हें सस्पेंड किया गया।

सुनील की पिटाई का मामला वैसे तो अधिकारियों तक नहीं पहुंचता, लेकिन किसी ने यह वीडियो वायरल कर दिया। इसके बाद एसपी ने उस दिन डायल 100 की ड्यूटी में रहे आरक्षक दिलीप जमरा और होमगार्ड जवान इकराम को सस्पेंड कर दिया।

चौकी प्रभारी बोले- सुनील ने अभद्रता की

घटना को लेकर peoplesupdate.com से बात करते हुए चौकी प्रभारी भूपेंद्र सिंह खतेरिया ने कहा कि होली के दिन चौकी के आसपास के 46 गांवों के लगातार पॉइंट आ रहे थे। 46 गांवों के बीच मात्र एक डायल 100 है। इसे सभी पॉइंट पर जाना पड़ता है। जिस समय फरियादी का फोन आया उस समय परिवार में कोई विवाद चल रहा था। जब गाड़ी वहां पहुंची तो सूचना देने वाले सुनील चौहान को बिठाकर थाने ला रही थी। सुनील शराब पिए था। वह गाड़ी के अंदर ही आरक्षक से अभद्रता करने लगा, जिस पर आरक्षक को गुस्सा आ गया। लेकिन, इस तरह से पीटना गलत था।

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