इंदौरमध्य प्रदेश

जनता को समर्पित ‘श्री महाकाल लोक’ : PM मोदी बोले- भारत की आत्मा का केंद्र रहा है उज्जैन; महाकाल ने बुलाया तो ये बेटा चला आया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘श्री महाकाल लोक’ का लोकार्पण किया। इस दौरान करीब 200 संतों की मौजूदगी रही। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने महाकाल मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस खास अवसर पर महाकाल मंदिर और पूरे महाकाल लोक को फूलों से सजाया गया। इस दौरान क्षिप्रा के तट पर इस प्रोग्राम को दिखाने के लिए बड़ी स्क्रीन लगाई गई। 40 देशों में इस प्रोग्राम को लाइव दिखाया गया।

महाकाल काल की रेखाएं भी मिटा देते हैं : पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जैन में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि महाकाल काल की रेखाएं भी मिटा देते हैं। उज्जैन ने महाराजा विक्रमादित्य का प्रताप देखा है। महाकाल की इस धरती से विक्रम संवत के रूप में भारतीय कालगणना का एक नया अध्याय शुरू हुआ था। उज्जैन के पल-पल में इतिहास सिमटा हुआ है। कण-कण में अध्यात्म है। कोने-कोने में ईश्वरीय ऊर्जा संचारित हो रही है।

उन्होंने कहा कि यहां कालचक्र का 84 कल्पों का प्रतिनिधित्व करते 84 शिवलिंग हैं, यहां 4 महावीर हैं। 6 विनायक हैं। 8 भैरव हैं। नवग्रह हैं। 10 विष्णु हैं। 11 रुद्र हैं। 12 आदित्य हैं। 24 देवियां हैं और 88 तीर्थ हैं। और इन सबके केंद्र में महाकाल विराजमान हैं।

महाकाल का बुलावा आया तो बेटा चला आया

पीएम मोदी ने कहा कि उज्जैन जो हजारों वर्ष से भारतीय कालगणना का केंद्र बिंदू रहा है, वह भारत की भव्यता के उद्घोष कर रहा है। यहां महाकाल मंदिर में पूरे देश-दुनिया से लोग आते हैं। सिंहस्थ में लाखों लोग जुड़ते हैं। अनगिनत विविधताएं भी, एक मंत्र, संकल्प लेकर जुड़ सकती हैं, इससे अच्छा उदाहरण क्या हो सकता है। हम जानते हैं कि हजारों साल से हमारे कुंभ मेले की परंपरा सामूहिक मंथन के बाद जो निकलता है, उसे संकल्प लेकर क्रियान्वित करने की परंपरा रही है। फिर एक बार अमृत मंथन होता था। फिर 12 साल के लिए चल पड़ते हैं। पिछले सिंहस्थ में महाकाल का बुलावा आया तो यह बेटा आए बिना कैसे रह सकता है।

उज्जैन की ऊर्जा को भी नष्ट करने के प्रयास हुए : पीएम

पीएम मोदी ने कहा कि अतीत में हमने देखा है कि प्रयास हुए कि सत्ता बदले। भारत का शोषण हुआ। उज्जैन की ऊर्जा को भी नष्ट करने के प्रयास हुए। हमारे ऋषियों ने भी कहा कि महाकाल शिव की शरण में मृत्यु भी हमारा क्या कर लेगा। फिर पुनर्जीवित हुआ। फिर उठ खड़ा हुआ। हमने फिर अमरत्व की विश्वव्यापी घोषणा कर दी। भारत ने फिर महाकाल के आशीष पर काल के कपाल पर अस्तित्व का शिलालेख लिख दिया। आज एक बार फिर आजादी के अमृत काल में अमर अवंतिका भारत के सांस्कृतिक अमरत्व की घोषणा कर रही है।

शिव के दर्शन में ब्रह्मांड का दर्शन है : पीएम

पीएम मोदी ने कहा कि शास्त्रों में शिवम् ज्ञानम् … इसका अर्थ है.. शिव ही ज्ञान है। और ज्ञान ही शिव है। शिव के दर्शन में ब्रह्मांड का सर्वोच्च दर्शन है। यह दर्शन ही शिव का दर्शन है। मैं मानता हूं कि हमारे ज्योतिर्लिंगों को विकास भारत के अध्यात्मिक ज्योति का विकास है। भारत का यह सांस्कृतिक दर्शन.. एक बार फिर शिखर पर शिव का मार्गदर्शन करने को तैयार हो रहा है।

महाकाल की भस्मारती पूरे विश्व में प्रसिद्ध है : पीएम

पीएम मोदी ने कहा कि भगवान महाकाल एकमात्र ऐसा शिवलिंग है जो दक्षिण मुखी है। इसकी भस्मारती पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। हर भक्त भस्मारती जरूर करना चाहता है। भस्मारती का धार्मिक महत्व यहां उपस्थित संत गण ज्यादा अच्छे से बता सकेंगे। भारत की जीवटता और जीवंतता का दर्शन भी करता हूं। अपराजेयता को भी देखता हूं। जो शिव स्वयंभूति विभूषणा.. जो शिव खुद को भस्म को धारण करने वाले हैं, वह नश्वर और अविनाशी है। जहां महाकाल है, वहां काल खंडों की सीमाएं नहीं हैं. महाकाल की शरण में विष में भी स्पंदन होता है।

…ना भूतो न भविष्यती के उदाहरण है : पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के मंदिरों का जिक्र करते हुए कहा कि आज जब हम उत्तर से दक्षिण तक, पूर्व से पश्चिम तक हमारे प्राचीन मंदिरों को देखते हैं तो उनका वास्तु, विशालता हमें आश्चर्य से भर देता है। कोणार्क का सूर्य मंदिर हो या एलोरा का कैलाश मंदिर… गुजरात का मोढेरा सूर्य मंदिर भी है। जहां सूर्य की किरणें सीधे गर्भ गृह में प्रवेश करती है।

तंजावुर में ब्रह्मदेवेश्वर मंदिर, कांचीपुरम में वरदराजा मंदिर, बेलुर का चन्नकेशवा मंदिर, मदुरै का मीनाक्षी मंदिर, तेलंगाना का रामपप्पा मंदिर, श्रीनगर में शंकराचार्य मंदिर… यह मंदिर बेजोड़ है। न भूतो न भविष्यती के उदाहरण है। जब हम देखते हैं तो सोचने को मजबूर हो जाते हैं कि उस युग में, उस दौर में किस तकनीक से यह मंदिर बने होंगे। हमारे प्रश्नों के उत्तर भले ही न मिलते हो, पर इसके अध्यात्मिक संदेश हमें आज भी सुनाई देते हैं।

आपको महाकाल की महिमा और महत्व के भी दर्शन होंगे : पीएम

पीएम ने कहा कि जब पीढ़ियां इस विरासत को देखती है, उसके संदेशों को सुनती है, तब एक सभ्यता के रूप में, हमारी निरंतरता और अमरता का जरिया बन जाता है। महाकाल लोक में यह परंपरा उतने ही प्रभावी ढंग से कला और शिल्प के द्वारा उकेरी गई है। यह पूरा मंदिर प्रांगण शिवपुराण की कथाओं के आधार पर तैयार किया गया है। आप यहां आएंगे, महाकाल के दर्शन के साथ ही आपको महाकाल की महिमा और महत्व के भी दर्शन होंगे। पंचमुखी शिव, उनके डमरू, सर्प, त्रिशुल, चंद्र और सप्तऋषि भी दिखेंगे। इनके भी भव्य स्वरूप यहां स्थापित है। यह वास्तु, उसमें ज्ञान का समावेश महाकाल लोक को सार्थकता को बढ़ाता है।

उज्जैन भारत के केंद्र में है : पीएम मोदी

पीएम मोदी ने महाकाल की नगरी उज्जैन के बारे में हमारे यहां कहा गय है कि प्रलयो न बाधते, तत्र महाकाल पुरी… अर्थात.. महाकाल की नगरी प्रलय के प्रहार से भी मुक्त है। हजारों वर्ष पूर्व जब भारत का भौगोलिक स्वरूप आज से अलग रहा होगा तब से यह माना जाता रहा है कि उज्जैन भारत के केंद्र में है। एक तरह से ज्योतिषीय गणनाओं में उज्जैन न केवल भारत का केंद्र रहा है, बल्कि यह भारत की आत्मा का भी केंद्र रह है।

उज्जैन के क्षण-क्षण में इतिहास सिमटा हुआ है : पीएम

पीएम ने आगे कहा कि उज्जैन के क्षण-क्षण में पल-पल में इतिहास सिमिटा हुआ है। कण-कण में अध्यात्म समाया हुआ है। कोने-कोने में ईश्वरीय ऊर्जा संचारित हो रही है। यहां कालचक्र का 84 कल्पों का प्रतिनिधित्व करते 84 शिवलिंग है। यहां चार महावीर है। छह विनायक है। आठ भैरव है। अष्टमातृकाएं हं। नवग्रह है। दस विष्णु है। ग्यारह रुद्र है। बारह आदित्य है। 24 देवियां हैं। 88 तीर्थ है।

पीएम बोले- सबके केंद्र में राजाधिराज, कालाधिराज महाकाल विराजमान…

पीएम मोदी ने कहा कि इन सबके केंद्र में राजाधिराज, कालाधिराज महाकाल विराजमान है। यानी एक तरह से हमारे पूरे ब्रह्मांड की ऊर्जा को हमारे ऋषियों ने उज्जैन में प्रत्येक स्वरूप में स्थापित किया है। इसलिए उज्जैन ने हजारों वर्षों तक भारत की संपन्नता और समृद्धि का, ज्ञआन और गरिमा का, सभ्यता और साहित्य का नेतृत्व किया है। इस नगरी का वास्तु कैसा था, वैभव कैसा था, शिल्प कैसा था, सौंदर्य कैसा था, इसके दर्शन हमें महाकवि कालिदास के मेघदूतम में होते हैं।

शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार का अभिनंदन करता हूं : पीएम

पीएम ने कहा कि महाकाल लोक की यह भव्यता भी समय की सीमा से परे आने वाली कई पीढ़ियों को अलौकिक दिव्यता के दर्शन कराएगी। भारत की अध्यात्मिक और सांस्कृतिक चेतना को ऊर्जा देगी। मैं इस अद्भुत अवसर पर राजाधिराज महाकाल के चरणों में शत-शत नमन करता हूं। मैं आप सभी को देश-दुनिया में महाकाल के सभी भक्तों को ह्दय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। विशेष रूप से भाई शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार, उनका मैं ह्दय से अभिनंदन करता हूं। जो लगातार इतने समर्पण से इस सेवा यज्ञ में लगे हुए हैं। साथ ही मैं मंदिर ट्रस्ट से जुड़े सभी लोगों, संतों-विद्वानों का आभार प्रकट करता हूं। जिनके प्रयास यह सफल हुआ है।

पीएम मोदी ने जय श्री महाकाल से शुरू किया संबोधन

पीएम नरेंद्र मोदी ने अपना संबोधन हर हर महादेव से शुरू किया। उन्होंने कहा कि उज्जैन की यह ऊर्जा, यह उत्साह, अवंतिका की यह आभा, यह अद्भुत यह आनंद, महाकाल की यह महिमा, यह महात्म्य,… शंकर के सानिध्य में कुछ भी साधारण नहीं है। असाधारण है। यह महसूस कर रहा हूं कि हमारी तपस्या से महाकाल प्रसन्न होते हैं तो ऐसे ही भव्य स्वरूपों का निर्माण होता है। जब महाकाल का आशीर्वाद मिलता है तो काल की रेखाएं मिट जाती हैं। समय की सीमाएं मिट जाती हैं। अंत से अनंत की यात्रा आरंभ हो जाती है।

CM शिवराज बोले – MP में आनंद बरस रहा है

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जनता को संबोधित करते हुए कहा- हम सबके सौभाग्य से कल तक आपने देखा कि पानी बरस रहा था। आज तो संपूर्ण मध्यप्रदेश में आनंद बरस रहा है। मोदी जी पधारे हैं। ऐसे हमारे दुनिया के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता और प्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए दोनों हाथ ऊपर उठाकर स्वागत करें।

सीएम ने कहा- मध्यप्रदेश के हर शहर, गांव में नहीं, पूरे देश में मोदी को सुनने और शिव की पूजा करने बैठे करोड़ों-करोड़ भाई-बहनों… अद्भुत आनंद है। महाकाल लोक का समर्पण महाकाल महाराज को ही किया है। अद्भुत महाकाल लोक बना है। भारत प्राचीन और महान राष्ट्र है। पांच हजार साल से अधिक का तो ज्ञात इतिहास है। दुनिया के विकसित देशों में जब कुछ नहीं था, तब हमारे यहां वेद लिखे जा चुके थे। हम विश्व का कल्याण करनेकी सोचतना है।

एक नरेंद्र ने कहा था दूसरे नरेंद्र उसे पूरा कर रहे हैं : सीएम

सीएम शिवराज ने आगे कहा कि आज मुझे कहते हुए गर्व है कि भारत के उसी संदेश को कभी स्वामी विवेकानंद नरेंद्र… उन्होंने कहा था कि महानिशा का अंत निकट है। जो अंधे हैं, देख नहीं सकते, जो बहरे हैं, वह सुन नहीं सकते। भारत दुनिया में सबसे आगे जाने को तैयार है। एक नरेंद्र ने यह कहा था और गर्व से कहते हैं कि दूसरे नरेंद्र उसे पूरा कर रहे हैं।

मनुष्य को अध्यात्म भी चाहिए : सीएम

सीएम ने कहा कि वैभवशाली, संपन्न राष्ट्र का निर्माण उनके नेतृत्व में हो रहा है और हम सौभाग्यशाली है कि हम इसे देख रहे हैं। सिंहस्थ में मोदी जी पधारे थे। उन्होंने कहा था कि उज्जैन में स्नान, पूजन होता है, उससे आगे भी कुछ होना चाहिए। मनुष्य सिर्फ भौतिकता से सुखी नहीं हो सकता। अध्यात्म भी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से पड़ी थी महाकाल लोक की नींव। उसका स्वरूप क्या हो, 2018 में मध्यप्रदेश की कैबिनेट ने इसे मंजूर दी। 2019-20 में रुकावट आई थी। 2020 में फिर तेजी आई और आज मोदी जी ने महाकाल लोक का लोकार्पण किया है।

कैलाश खेर ने दी महाकाल स्तुतिगान की प्रस्तुति

कार्तिक मेला ग्राउंड में प्रधानमंत्री की सभा शुरू हुई। सबसे पहले कैलाश खेर ने महाकाल स्तुतिगान ‘भारत मध्ये स्वयंभू ज्योतिर्लिंग, यजामहे…’ की प्रस्तुति दी। इसके बाद कैलाश खेर ने कहा, संगीत और अध्यात्म को साथ लाना सपना था। अब मूर्त हो रहा है। ये सब नरो में इंद्र… नरेंद्र मोदी जी के कारण ही संभव हो पाया है।

ई-व्हीकल से ‘श्री महाकाल लोक’ का परिसर घूमा

पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकार्पण के बाद श्री महाकाल लोक का मुआयना किया। शिवराज सिंह चौहान उनके साथ इलेक्ट्रिक वाहन में सवार थे, वे उन्हें 108 पिलर के महाकाल लोक की जानकारी देते चल रहे थे। ई-व्हीकल से वे कमल सरोवर, रुद्रसागर और सबसे बड़ी म्यूरल्स वॉल देखा। महाकाल लोक में बने मंडपम में देशभर से 750 कलाकार अपनी प्रस्तुति दे रहे हैं। 108 पिलर की जानकारी CM शिवराज ने PM मोदी से साझा की।

PM ने किया ‘श्री महाकाल लोक’ का लोकार्पण

पीएम नरेंद्र मोदी ने आज उज्जैन में बाबा महाकालेश्वर के नए परिसर ‘श्री महाकाल लोक’ का लोकार्पण किया। इस दौरान चारों ओर महाकाल के जयघोष की गूंज सुनाई दी। रक्षा सूत्र (कलावे) से बनाए गए 15 फीट ऊंचे शिवलिंग की प्रतिकृति से मोदी ने रिमोट के जरिए आवरण हटाया। इसी के साथ अध्यात्म का यह नया आंगन सभी के लिए खुल गया।

पीएम नरेंद्र मोदी ने महाकाल मंदिर में पूजा करने के दान पेटी में भेंट की राशि।

पीएम मोदी ने पूजन कर जाप किया

‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले गर्भगृह में नंदी को प्रणाम कर महाकाल के दर्शन किए। महाकाल को चंदन, मोगरे और गुलाब की माला अर्पित कर जनेऊ चढ़ाया। ड्राइफ्रूट्स और फल का भोग भी लगाया। दक्षिणा अर्पित की। वे संध्या आरती में भी शामिल हुए। इसके बाद महाकाल के दक्षिण दिशा में बैठकर रुद्राक्ष की माला से 3 मिनट तक जप करते हुए ध्यान लगाया। महाकाल मंदिर के मुख्य पुजारी पं. घनश्याम ने पूजन कराया है। पीएम मोदी ने करीब आधा घंटा महाकाल मंदिर में बिताया।

महाकाल का पूजन करने वाले चौथे पीएम हैं मोदी

महाकाल का पूजन करने पहुंचने वाले चौथे प्रधानमंत्री हैं नरेंद्र मोदी। उनके पहले सन 1959 में पंडित जवाहरलाल नेहरू, 1977 में मोरारजी देसाई और 1988 में राजीव गांधी आए थे।

पीएम नरेंद्र मोदी पहुंचे उज्जैन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हेलीकॉप्टर से उज्जैन पहुंचे, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उनका स्वागत किया। यहां मंत्रियों और भाजपा नेताओं से उन्होंने मुलाकात की और फिर से महाकाल मंदिर के लिए रवाना हो गए। मंदिर में पूजन के बाद वे महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे।

इंदौर एयरपोर्ट पर किया पीएम का स्वागत

प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी इंदौर पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहमदाबाद से विशेष विमान से देवी अहिल्या एयरपोर्ट पर पहुंचे। एयरपोर्ट पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, मंत्री तुलसी सिलावट, कैलाश विजयवर्गीय ने उनका स्वागत किया। इसके बाद पीएम मोदी उज्जैन के लिए एयरफोर्स के चॉपर से रवाना हुए।

सीएम ने किए उज्जैन के मंदिरों के दर्शन

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उज्जैन सुबह पहुंच गए हैं। पत्नी साधना सिंह भी साथ हैं। उन्होंने चिंतामन गणेश, गढ़कालिका और हरसिद्धि मंदिर में दर्शन किए। शिप्रा नदी के रामघाट पर दुग्धाभिषेक कर मां को चुनरी चढ़ाई। सीएम ने सारी तैयारियों का जायजा लिया( दोपहर 3 बजे से महाकाल मंदिर को एसपीजी और पुलिस के हैंडओवर कर दिया गया है। आम श्रद्धालुओं को दर्शन करने के लिए आने-जाने की अनुमति है।

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फूलों से सजा महाकाल का परिसर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन और अद्भुत महाकाल लोक के लोकार्पण के लिए पूरे परिसर को फूलों से सजाया गया है। मन मोह लेने वाली सजावट की गई है। मंदिर परिसर को सजाने के लिए देशभर से फूल मंगवाए गए हैं। मंदिर से जुड़े अफसरों से मिली जानकारी के अनुसार स्थानीय व्यापारियों के साथ देश के अलग-अलग हिस्सों से फूल मंगवाए हैं। सोमवार शाम से सभामंडपम्, नंदी हॉल, कार्तिकेय, गणेश मंडपम् को फूलों से सजाने का काम शुरू कर दिया था। दर्शनार्थी आज कार्तिकेय मंडप से बाबा महाकाल के दर्शन कर सकेंगे

श्री महाकाल लोक में बनाए 108 विशाल स्तंभ

बता दें कि श्री महाकाल लोक में 108 विशाल स्तंभ बनाए गए हैं। इन पर महादेव, पार्वती समेत उनकी पूरी लीलाओं के चित्र उकेरे गए हैं। ये चित्र देखने में बिलकुल मूर्तियों की तरह ही हैं जिनमें शिव, पार्वती, गणेश और कार्तिकेय की लीलाओं का वर्णन है। महाकाल की ये नगरी अध्यात्म और आधुनिकता का मिश्रण होगी।

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