
गुजरात विधानसभा चुनाव के ऐलान से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य को बड़ी सौगात देने जा रहे हैं। पीएम मोदी आज वडोदरा में देश के पहले ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट प्लांट का उद्घाटन करेंगे। इस प्लांट में एयर फोर्स के लिए C-295 मीडियम-लिफ्ट मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट्स का निर्माण होगा। ये प्लांट स्पेन की एयरबस डिफेंस कंपनी और टाटा कॉन्सोर्टियम लगा रही है।
देश में पहली बार हो रहा ऐसा…
खास बात है कि देश में अभी तक इस तरह के एयरक्राफ्ट नहीं बनाए जाते थे। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 21,935 करोड़ रुपए है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि टाटा एयरबस इन एयरक्रॉफ्ट का निर्माण करेगी। जानकारी के मुताबिक, टाटा एयरबस 40 एयरक्रॉफ्ट के अलावा, वायु सेना की जरूरत और ट्रांसपोर्टेशन के आधार पर अतिरिक्त एयरक्रॉफ्ट का भी निर्माण करेगी। देश में पहली बार कोई प्राइवेट कंपनी किसी विमान को बनाने जा रही है।
2026 से 31 तक होगी आपूर्ति
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, भारत में बने विमानों की आपूर्ति 2026 से 2031 के बीच होगी। वहीं पहले के 16 विमान 2023 से 2025 के बीच आएंगे। यह डील पूरी होने के बाद भारतीय वायु सेना C-295 परिवहन विमान की सबसे बड़ी ऑपरेटर बन जाएगी। पहला ‘मेड इन इंडिया’ विमान सितंबर 2026 से आने की उम्मीद है।
क्या है C-295 MW एयरक्राफ्ट?
- C-295 MW समकालीन तकनीक के साथ 5-10 टन क्षमता का एक परिवहन विमान है, जो वायुसेना के पुराने एवरो विमान की जगह लेगा।
- इसमें त्वरित प्रतिक्रिया और सैनिकों और कार्गो के पैरा ड्रॉपिंग के लिए एक रियर रैंप दरवाजा है।
- विमान छोटे रनवे पर अपनी छोटी टेक-ऑफ और लैंडिंग क्षमता के चलते बेहद उपयोगी है।
- इसकी पे-लोड क्षमता 10,000 किग्रा तक है जिसका मतलब है कि विमान लगभग 10 टन का वजन लेकर उड़ान भर सकता है।
- विमान भारतीय वायुसेना की रसद क्षमताओं को मजबूत करेगा।
- विमान लगातार 11 घंटों तक उड़ान जारी रख सकता है। विमान में 70 सैनिक ट्रूप्स, 50 पैराट्रूपर्स और 5 पैलेट की भार क्षमता है।
इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम से होगा लैस
विमान को एक ट्रांस्पोर्ट एयरक्राफ्ट के तौर पर भारतीय वायुसेना को सौंपा जाएगा मगर यह एक स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से भी लैस होगा। विमान में रियर रैम्प डोर होगा जिससे भारी सामान या ट्रूप्स को ऑपरेशन के दौरान सीधे नीचे गिराया जा सकेगा। एयरक्राफ्ट उन इलाकों में उड़ान भरने के लिए बेहद उपयोगी होगा जहां बड़े और हैवी एयरक्राफ्ट उड़ान नहीं भर सकते।