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PFI के निशाने पर थे PM मोदी: पटना में हमले की रची थी साजिश, जुटाए 120 करोड़… ट्रेनिंग कैंप भी लगाए

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। PFI के मेंबर शफीक पैठ से पूछताछ में सामने आया कि, संगठन ने बिहार के पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली को निशाना बनाने की योजना तैयार की थी। इसके लिए पटना में ट्रैनिंग कैंप भी लगाया गया था। मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, PFI अन्य हमलों के लिए भी टेरर मॉड्यूल तैयार कर रहा था।

12 जुलाई को थी पीएम मोदी की पटना में रैली

पिछले दिनों NIA और ED ने PFI मेंबर को केरल से गिरफ्तार किया था। पूछताछ में सामने आया कि, इसी साल 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटना में रैली थी, जो PFI के टारगेट पर थी। पीएफआई ने रैली का माहौल खराब करने वाले लोगों को ट्रेनिंग भी दी थी। जिससे 2013 जैसी घटना को अंजाम दिया जा सके।

अक्टूबर 2013 में पटना के ही गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली में आतंकी हमला हुआ था। तब इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े जिहादी आतंकियों ने रैली में विस्फोट किया था।

विदेशों से हो रही थी फंडिंग: ईडी

ईडी ने एक और खुलासा करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में संगठन ने लगभग 120 करोड़ रुपये जुटाए हैं। रकम न सिर्फ हिंदुस्तान के अलग-अलग शहरों से, बल्कि विदेशों से भी एकत्र की गई थी। इसका एक बड़ा हिस्सा देश और विदेश से संदिग्ध स्त्रोत से कैश में जमा किया गया था।

इन पैसों का इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों में किया जा रहा था। इतना ही नहीं इन पैसों का उपयोग फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों के लिए हिंसा भड़काने के अलावा हाथरस में दंगा भड़काने के लिए भी किया गया था।

पीएफआई के ‘ऑपरेशन ऑक्टोपस’

पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए NIA ने ‘ऑपरेशन ऑक्टोपस’ चलाया था। बता दें कि 22 सितंबर को एनआईए, ईडी और राज्य पुलिस की एक संयुक्त टीम ने 13 राज्यों में छापेमार कार्रवाई की थी। इस दौरान देशभर के कई हिस्सों से 106 पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें संगठन प्रमुख ओमा सालम भी शामिल थे। इस पूरे ऑपरेशन में NIA और ED के 500 अफसर सर्च में शामिल थे। ईडी ने संगठन के तीन अन्य पदाधिकारियों को दिल्ली से हिरासत में लिया था।

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इन राज्यों में NIA और ED का एक्शन

जिन राज्यों में एनआईए ने छापेमारी की है उनमें केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, असम, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र शामिल हैं। पीएफआई और उससे जुड़े लोगों की ट्रेनिंग गतिविधियों, टेरर फंडिंग और लोगों को संगठन से जोड़ने के खिलाफ ये अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।

राज्य गिरफ्तारी
केरल 22
कर्नाटक 20
महाराष्ट्र 20
तमिलनाडु 10
असम 09
उत्तर प्रदेश 08
आंध्र प्रदेश 05
मध्य प्रदेश 04
दिल्ली 03
पुडुचेरी 03
राजस्थान 02

‘इंडिया 2047‘ नाम से मिली थी बुकलेट

जुलाई में भी पटना से पीएफआई के संदिग्धों की गिरफ्तारी की गई थी। उस समय उनसे बरामद दस्तावेजों में ‘इंडिया 2047‘ नाम से पीअफआई की बुकलेट भी थी। जिसमें भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने का ‘आतंकी ब्लूप्रिंट’ था। उस समय भी यह बात सामने आई थी कि पीएफआई अपने नापाक मंसूबों के लिए जगह जगह ट्रेनिंग कैंप भी लगा रही है।

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क्या है पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया?

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) एक इस्लामिक संगठन है। ये संगठन खुद को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला बताता है। 2006 में मनिथा नीति पसाराई (MNP) और नेशनल डेवलपमेंट फंड (NDF) नामक संगठन ने मिलकर पॉपुलर फ्रंट इंडिया (PFI) का गठन किया था। संगठन की जड़े केरल के कालीकट में हैं। ये संगठन शुरुआत में दक्षिण भारत के राज्यों में ही सक्रिय था, लेकिन अब UP-बिहार समेत 20 राज्यों में इसका विस्तार हो चुका है।

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