ताजा खबरराष्ट्रीय

PM मोदी की विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 45 घंटे की ध्यान साधना पूरी, सूर्य को अर्घ्य दिया, स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर अर्पित की पुष्पांजलि

कन्याकुमारी (तमिलनाडु)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कन्याकुमारी के विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 45 घंटे की अपनी ध्यान साधना पूरी की। पीएम ने सूर्योदय के समय ‘सूर्य अर्घ्य’ देने के बाद शनिवार को तीसरे और अंतिम दिन अपनी ध्यान साधना शुरू की और ध्यान मंडपम की परिक्रमा भी की।

देखें वीडियो….

भगवा वस्त्र पहने हुए थे मोदी

दरअसल, ‘सूर्य अर्घ्य’ आध्यात्मिक अभ्यास से जुड़ी एक परंपरा है, जिसमें भगवान सूर्य को जल अर्पित कर उन्हें नमन किया जाता है। अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने एक लोटे से समुद्र में सूर्य को जल अर्पित किया और माला जपी। पीएम मोदी भगवा वस्त्र पहने हुए थे और उन्होंने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित की। वह अपने हाथों में ‘जाप माला’ लेकर मंडपम के चारों ओर चक्कर लगाते दिखें। बता दें कि कन्याकुमारी सूर्योदय और सूर्यास्त के दृश्यों के लिए मशहूर है और मेमोरियल तट के पास एक छोटे-से टापू पर स्थित है।

देखें वीडियो…

30 मई की शाम को शुरू की ध्यान साधना

प्रधानमंत्री ने 30 मई की शाम को विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ध्यान साधना शुरू की थी। 31 मई शुक्रवार को ध्यान के दूसरे उनकी ध्यान की तस्वीरें सामने आईं थीं। जिसमें वे भगवा चोला, हाथ में रुद्राक्ष की माला और माथे पर तिलक लगाए दिखे थे। सुबह उन्होंने सूर्य को अर्घ्य दिया, मंदिर की परिक्रमा की और ध्‍यान मुद्रा में बैठे। इससे पहले पीएम जब गुरुवार शाम को जब कन्याकुमारी पहुंचे थे तो सबसे पहले उन्होंने भगवती देवी अम्मन मंदिर में दर्शन-पूजन किया। पूजा के दौरान मोदी ने सफेद मुंडु (दक्षिण भारत का एक परिधान) और शॉल पहना था। पुजारियों ने उनसे विशेष आरती कराई। प्रसाद, शॉल और देवी की तस्वीर दी।

देखें वीडियो…

लोकसभा चुनाव प्रचार का शोर थमते ही पीएम मोदी गुरुवार (30 मई) की शाम कन्याकुमारी पहुंचे थे। प्रधानमंत्री ने सबसे पहले भगवती देवी अम्मन मंदिर (कन्याकुमारी मंदिर) में दर्शन-पूजन किया। इसके बाद विवेकानंद रॉक मेमोरियल पहुंचे, जहां पर ध्यान शुरू किया।

देखें वीडियो….

2019 में केदारनाथ गए थे पीएम मोदी

समुद्र के बीच स्थित स्मारक पर पीएम मोदी के 45 घंटे के प्रवास के लिए भारी सुरक्षा सहित सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। बता दें कि पीएम मोदी ने 2019 के चुनाव अभियान के बाद केदारनाथ गुफा में इसी तरह का प्रवास किया था। वहां बनी रुद्र गुफा में 17 घंटे ध्यान लगाया था। ध्यान के बाद बद्रीनाथ के दर्शन करने भी गए थे। पीएम मोदी गुरुवार की शाम से 1 जून की शाम तक ध्यान मंडपम में ध्यान करेंगे। जहां माना जाता है कि विवेकानन्द ने ‘भारत माता’ के बारे में दिव्य दृष्टि प्राप्त की थी।

कन्याकुमारी को क्यों चुना ?

पार्टी पदाधिकारियों ने कहा कि पीएम मोदी ने अपने आध्यात्मिक प्रवास के लिए कन्याकुमारी को इसलिए चुना क्योंकि वह देश में विवेकानंद के दृष्टिकोण को साकार करना चाहते हैं। उन्हें यह विश्वास है कि चार जून को मतगणना होने के बाद वह तीसरी बार सत्ता में वापस लौटेंगे। जिस स्थान पर प्रधानमंत्री ध्यान लगाएंगे उसका विवेकानंद के जीवन पर बड़ा प्रभाव था और यह भिक्षु के जीवन में इसका वही महत्व है जो गौतम बुद्ध के लिए सारनाथ का है। पूरे देश में घूमने के बाद विवेकानंद यही पहुंचे थे। उन्होंने यहां तीन दिन तक ध्यान लगाया और एक विकसित भारत का सपना देखा था।

भाजपा के एक नेता ने कहा- उसी स्थान पर ध्यान करना स्वामी जी के विकसित भारत के दृष्टिकोण को जीवन में लाने की पीएम मोदी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस स्थान को पवित्र ग्रंथों में भगवान शिव के लिए देवी पार्वती के ध्यान स्थल के रूप में भी जाना जाता है। यह स्थान भारत का सर्वाधिक दक्षिणी छोर है। यह वह स्थान है जहां पर पूर्वी और पश्चिमी तटरेखाएं मिलती हैं और हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर मिलते हैं। पीएम मोदी कन्याकुमारी जाकर राष्ट्रीय एकता का संकेत दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह तमिलनाडु के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता और स्नेह को भी दर्शाता है कि वह चुनाव खत्म होने के बाद भी राज्य का दौरा कर रहे हैं।

ये भी पढ़ें- PM मोदी का विवेकानंद रॉक पर 45 घंटे का ‘तप’ : ध्यान-मौनव्रत और केवल लिक्विड डाइट… 1 जून तक कन्याकुमारी में रहेंगे

संबंधित खबरें...

Back to top button