Narendra Modi Birthday। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (17 सितंबर) अपना 74वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। देशभर में उनके जन्मदिन पर उत्साह का माहौल है। गुजरात के वडनगर में 1950 में जन्मे नरेंद्र मोदी का जीवन संघर्षों और संकल्पों से भरा रहा है। एक चाय बेचने वाले से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक का सफर असाधारण है। राजनीति शास्त्र में एमए करने वाले मोदी का झुकाव हमेशा से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की ओर रहा। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से उन्होंने देश और भारतीय जनता पार्टी (BJP) को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बाद तीन बार भारत के प्रधानमंत्री की शपथ लेने वाले नरेंद्र मोदी तीसरे व्यक्ति हैं। वह 2014 से अब तक लगातार तीन बार बतौर प्रधानमंत्री के पद पर बरकरार हैं। आइए कुछ पॉइंट्स में उनके जीवन के खास एवं महत्वपूर्ण पहलुओं के बरे में जानते हैं…
- नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ। उन्होंने बचपन में अपने पिता की चाय की दुकान पर काम किया और उसी के साथ अपनी पढ़ाई में तालमेल बिठा कर उसे जारी रखा। बचपन में एक बार मोदी तालाब से घड़ियाल का बच्चा पकड़कर घर ले आए थे लेकिन मां के कहने पर उसे तालाब में वापस छोड़ आए।
- मोदी का साधु-संतों की ओर शुरू से ही झुकाव रहा और उन्होंने संन्यासी बनने की इच्छा से हिमालय में समय बिताया है।
- नरेंद्र मोदी वडनगर के बीएन हाई स्कूल में पढ़े। यहां वे एनसीसी की गतिविधियों में सक्रिय रहे। उन्होंने स्कूल में नाटकों में भाग लिया और एक बार ‘पीलो फूल’ नामक नाटक भी लिखा, जो एक अछूत महिला की पीड़ा पर आधारित था। स्कूल के दिनों में वे वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भी भाग लेते थे और अक्सर अव्वल आते थे। एक कबड्डी मैच के दौरान उन्होंने अपनी टीम के लिए रणनीति बनाई जिससे उनकी टीम ने जीत हासिल की।
- मोदी की सादगी हमेशा से दिखती रही, जैसे उन्होंने ट्रेन में एक यात्री (लीना) को अपनी बर्थ दी और खुद ट्रेन की फर्श पर सो गए। उन्होंने 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों को चाय और भोजन परोसा।
- नरेंद्र मोदी 1967 में 17 साल की उम्र में अहमदाबाद पहुंचे और RSS की सदस्यता ली। 1970 के दशक में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रचारक बने और बाद में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में सक्रिय हुए। 1974 में उन्होंने नव निर्माण आंदोलन में हिस्सा लिया। आपातकाल (1975) के दौरान वे सरदार का वेश धारण कर ढाई साल तक पुलिस से बचते रहे।
- 1990 के दशक में उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी की सोमनाथ से अयोध्या रथ यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 26 जनवरी 1992 को बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी के साथ कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने का कार्य भी मोदी के नेतृत्व में किया गया।
- नरेंद्र मोदी 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बने और 2014 तक तीन बार इस पद पर रहे। 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी ने भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने उत्तर प्रदेश के वाराणसी से लोकसभा चुनाव जीता, हालांकि उन्होंने वडोदरा सीट छोड़ दी। 2019 और 2024 में वे फिरसे प्रधानमंत्री बने और बीजेपी को भारी बहुमत से विजय दिलाई। नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में तीन महीने का मैनेजमेंट और पब्लिक रिलेशन कोर्स किया है। 90 के दशक में वे पहली बार अपने दोस्तों के साथ अमेरिका की यात्रा पर गए।
- मोदी ने कुर्ते को धोने की झंझट से बचने के लिए बांहों को काटकर पहनने की आदत डाली, जो बाद में उनका फैशन स्टाइल भी बन गया।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाकाहारी हैं। उन्होंने सिगरेट, शराब को कभी हाथ नहीं लगाया। वो आम तौर पर अपने आधी बाजू के कुर्ते में नजर आते हैं, लेकिन जब मौज में आते हैं तो सूट बूट में निकलते हैं किसी हीरो की तरह।
- नरेंद्र मोदी को पतंगबाजी का भी शौक है। सियासत के मैदान की ही तरह वो पतंगबाजी के खेल में भी अच्छे-अच्छे पतंगबाजों की कन्नियां काट डालते हैं। नरेंद्र मोदी तकनीक का इस्तेमाल भी बखूबी करते हैं। पूरी दुनिया में तकनीकि को समझने वाले वो अग्रणी नेता हैं। अगर आज फेसबुक और ट्विटर पर देखें तो सबसे ज्यादा उनके फॉलोअर्स मिल जाएंगे। इंटरनेट पर पॉपुलर नेताओं की सूची में वो अव्वल हैं।
नरेंद्र मोदी का जीवन संघर्ष, संकल्प और समर्पण की मिसाल है। उनके नेतृत्व में देश ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं और वे आज भी भारत के सबसे प्रभावशाली नेताओं में गिने जाते हैं।