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Mann Ki Baat : लोकसभा चुनाव के बाद पीएम मोदी की ‘मन की बात’, पेरिस ओलिंपिक, योग दिवस से लेकर मां के नाम पर पेड़ तक, जानें क्या-क्या बोले…

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग, भारतीय भाषा एवं संस्कृति के दुनिया भर में प्रचार प्रसार को गौरव का क्षण बताया है और लोगों का आह्वान किया है कि इन्हें अपना कर अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव महसूस करें। पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव में जीत के बाद व करीब 4 महीने बाद रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात’ की। साथ ही आकाशवाणी पर अपनी नियमित श्रृंखला ‘मन की बात’ के 111वें संस्करण में यह आह्वान किया और आने वाले त्योहारों पर लोगों को शुभकामनाएं भी दीं।

भारतीय ओलिंपिक दल का किया उत्साहवर्द्धन

पीाम मोदी ने 26 जुलाई से शुरू होने वाले पेरिस ओलिंपिक 2024 के लिए भारतीय ओलिंपिक दल का उत्साहवर्द्धन करते हुए शुभकामनाएं दी है। मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा मेरे प्यारे देशवासियों, अगले महीने इस समय तक पेरिस ओलिंपिक शुरू हो चुके होंगे। मुझे विश्वास है कि आप सब भी ओलिंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने का इंतजार कर रहे होंगे। हम सबके मन में टोक्यों ओलिंपिक की यादें अब भी ताजा हैं। टोक्यो में हमारे खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने हर भारतीय का दिल जीत लिया था। टोक्यो ओलिंपिक के बाद से ही हमारेएथलीट पेरिस ओलिंपिक की तैयारियों में जी-जान से जुटे हुए थे। उन्होंने कहा साथियों, पेरिस ओलिंपिक में आपको कुछ चीजें पहली बार देखने को मिलेंगी। साथ ही उन्होंने #Cheer4Bharat के जरिए खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने की अपील की।

कुवैत के राष्ट्रीय रेडियो चैनल पर हिन्दी में शो

पीएम ने कुवैत के राष्ट्रीय रेडियो चैनल पर हिन्दी में प्रसारित होने वाले एक कार्यक्रम की एक क्लिप को साझा करते हुए कहा, ‘‘दरअसल, कुवैत सरकार ने अपने राष्ट्रीय रेडियो पर एक विशेष कार्यक्रम शुरू किया है। और वो भी हिन्दी में। ‘कुवैत रेडियो’ पर हर रविवार को इसका प्रसारण आधे घंटे के लिए किया जाता है। इसमें भारतीय संस्कृति के अलग-अलग रंग शामिल होते हैं। हमारी फिल्में और कला जगत से जुड़ी चर्चाएं वहां भारतीय समुदाय के बीच बहुत लोकप्रिय हैं। मुझे तो यहां तक बताया गया है कि कुवैत के स्थानीय लोग भी इसमें खूब दिलचस्पी ले रहे हैं। मैं कुवैत की सरकार और वहां के लोगों का हृदय से धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने ये शानदार पहल की है।”

दुनियाभर में हमारी संस्कृति का गौरवगान हो रहा

पीएम मोदी ने कहा कि आज दुनियाभर में हमारी संस्कृति का जिस तरह गौरवगान हो रहा है, उससे किस भारतीय को खुशी नहीं होगी। अब जैसे, तुर्कमेनिस्तान में इस साल मई में वहां के राष्ट्रीय कवि की 300वीं जन्म-जयंती मनाई गई। इस अवसर पर तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति ने दुनिया के 24 प्रसिद्ध कवियों की प्रतिमाओं का अनावरण किया। इनमें से एक प्रतिमा गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर जी की भी है। ये गुरुदेव का सम्मान है, भारत का सम्मान है।

कैरेबियाई देश में हिंदी और भोजपुरी बोली जाती है

इसी तरह जून के महीने में दो कैरेबियाई देश सूरीनाम और सेंट विन्सेंट एंड गेनाडाइन्स ने अपनी भारतीय विरासत को पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया। उन्होंने कहा कि सूरीनाम में हिन्दुस्तानी समुदाय हर साल 5 जून को इंडियन अराइवल डे और प्रवासी दिन के रूप में मनाता है। यहां तो हिन्दी के साथ ही भोजपुरी भी खूब बोली जाती है। सेंट विन्सेंट एंड गेनाडाइन्स में रहने वाले हमारे भारतीय मूल के भाई-बहनों की संख्या भी करीब 6 हजार है। उन सबको अपनी विरासत पर बहुत गर्व है। एक जून को इन सबने इंडियन अराइवल डे को जिस धूम-धाम से मनाया, उससे उनकी ये भावना साफ झलकती है। दुनियाभर में भारतीय विरासत और संस्कृति का जब ऐसा विस्तार दिखता है तो हर भारतीय को गर्व होता है।

विश्व योग दिवस को किया याद

विश्व योग दिवस की याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘‘इस महीने पूरी दुनिया ने 10वें योग दिवस को भरपूर उत्साह और उमंग के साथ मनाया है। मैं भी जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आयोजित योग कार्यक्रम में शामिल हुआ था। कश्मीर में युवाओं के साथ-साथ बहनों-बेटियों ने भी योग दिवस में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। जैसे-जैसे योग दिवस का आयोजन आगे बढ़ रहा है, नए-नए कीर्तिमान बन रहे हैं। दुनिया-भर में योग दिवस ने कई शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं। सऊदी अरब में पहली बार एक महिला अल हनौफ साद जी ने योग अभ्यास कार्यक्रम का नेतृत्व किया। ये पहली बार है जब किसी सऊदी महिला ने किसी मुख्य योग सत्र को दिशानिर्देशन किया हो। मैं योग दिवस में हिस्सा लेने वाले सभी साथियों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। साथ ही लोगों से नियमित रूप से योग करने का आग्रह भी किया।

त्योहारों एवं यात्राओं की दी शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री ने देशवासियों को आने वाले त्योहारों एवं यात्राओं के लिए शुभकामनाएं भी दीं। उन्होंने कहा, ‘‘अब से एक सप्ताह बाद पवित्र रथ यात्रा की शुरुआत होने जा रही है। मेरी कामना है कि महाप्रभु जगन्नाथ की कृपा सभी देशवासियों पर सदैव बनी रहे। अमरनाथ यात्रा भी शुरू हो चुकी है, और अगले कुछ दिनों में पंढरपुर वारी भी शुरू होने वाली है। मैं इन यात्राओं में शामिल होने वाले सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देता हूं। आगे कच्छी नववर्ष – आषाढी बीज का त्योहार भी है। इन सभी पर्व-त्योहारों के लिए भी आप सभी को ढेर सारी शुभकामनाएं।”

केरल के कार्थुम्बी छातों की बढ़ रही है मांग

पीएम मोदी ने कहा है कि भारत के छाते भी विशिष्ट और आकर्षक बनावट के कारण बहुराष्ट्रीय बाजार में अच्छी बिक्री कर रहे हैं और इसका ताजा नमूना केरल के कार्थुम्बी छाते हैं जो ऑनलाइन बिक्री के साथ ही बहुराष्ट्रीय कंपनियों का सफर भी तय कर रहे हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में मॉनसून तेजी से अपना रंग बिखेर रहा है और बारिश के इस मौसम में सबके घर में जिस चीज की खोज शुरू हो गई है, वो है ‘छाता’। ‘मन की बात’ में आज मैं आपको एक खास तरह के छातों के बारे में बताना चाहता हूं। ये छाते तैयार होते हैं हमारे केरल में।” उन्होंने कहा,‘‘वैसे तो केरला की संस्कृति में छातों का विशेष महत्व है। छाते, वहाँ कई परंपराओं और विधि-विधान का अहम हिस्सा होते हैं लेकिन मैं जिस छाते की बात कर रहा हूं, वो हैं ‘कार्थुम्बी छाते’ और इन्हें तैयार किया जाता है केरला के अट्टापडी में। ये रंग-बिरंगे छाते बहुत शानदार होते हैं और खासियत ये इन छातों को केरला की हमारी आदिवासी बहनें तैयार करती हैं। आज देशभर में इन छातों की मांग बढ़ रही हैं।”

सोशल मीडिया पर भी छाया है ‘एक पेड़ मां के नाम’

पीएम मोदी ने कहा है कि उन्होंने ‘मां के साथ एक पेड़ लगाने’ की जो शुरुआत की थी वह अब एक अभियान बन गया है और तेजी से गति पकड़ रहा है जिससे मां को भी सम्मान मिल रहा है और धरती मां की भी रक्षा हो रही है। खुशी की बात है कि उनका ‘मां के साथ पेड़ लगाने’ का आव्हान अभियान बन गया है और बड़ी संख्या में लोग सोशल मीडिया पर मां के साथ पेड़ लगाने का फोटो शेयर कर रहे हैं। मां के सम्मान और धरती के संरक्षण के लिए इसे और तेज करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा ‘अगर मैं आपसे पूछूं कि दुनिया का सबसे अनमोल रिश्ता कौन सा होता है तो आप जरूर कहेंगे-‘मां‘। हम सबके जीवन में ‘मां’ का दर्जा सबसे ऊंचा होता है। इसी सोच से इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस पर एक विशेष अभियान शुरू किया गया है, इस अभियान का नाम है-‘एक पेड़ मां के नाम’।’ मोदी ने कहा ‘मैंने भी एक पेड़ अपनी मां के नाम लगाया है। मैंने सभी देशवासियों से, दुनिया के सभी देशों के लोगों से ये अपील की है कि अपनी माँ के साथ मिलकर, या उनके नाम पर, एक पेड़ जरूर लगाएं।

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