नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दिल्ली के भारत मंडपम में ‘ग्रामीण भारत महोत्सव 2025’ का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कई ग्रामीण कलाकारों से मुलाकात की और उनके कौशल की सराहना की। पीएम मोदी ने कलाकारों के काम को बारीकी से समझा और उनके प्रयासों को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। वहीं पीएम मोदी ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित भी किया और कहा कि मेरा ज्यादा समय गांव-देहात में गुजरा। मैंने परेशानियों को करीब से देखा है इसीलिए मैनें ग्रामिणों की समस्याओं को हल करने का सपना देखा।
4 से 9 जनवरी तक चलेगा महोत्सव
ग्रामीण भारत की उद्यमशीलता की भावना और सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाते हुए, महोत्सव 4 से 9 जनवरी तक चलेगा। इसकी थीम ‘विकसित भारत 2047 के लिए एक बेहतरीन ग्रामीण भारत का निर्माण’ रखा गया है और आदर्श वाक्य ‘गांव बढ़े, तो देश बढ़े’ है।इस महोत्सव का उद्देश्य विभिन्न चर्चाओं, कार्यशालाओं और दक्षता के माध्यम से ग्रामीण बुनियादी ढांचे को बढ़ाना, आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था बनाना और ग्रामीण समुदायों में नवाचार को बढ़ावा देना है।
ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने पर जोर
महोत्सव में ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने, सहयोगात्मक और सामूहिक ग्रामीण परिवर्तन के लिए योजना बनाने के लिए सरकारी अधिकारियों, विचारकों, ग्रामीण उद्यमियों, कारीगरों और विविध क्षेत्रों के हितधारकों को एक साथ लाने के बारे में चर्चा को प्रोत्साहित करने पर जोर रहेगा। इसके साथ ही प्रदर्शनियों के माध्यम से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करना होगा। साथ ही ग्रामीण आबादी के बीच आर्थिक स्थिरता और वित्तीय सुरक्षा को बढ़ावा देना भी शामिल है।
पीएम का लगातार दो दिन में ये दूसरा कार्यक्रम
दिल्ली में पीएम मोदी का लगातार दो दिन में ये दूसरा कार्यक्रम है। 3 जनवरी को मोदी ने दिल्ली में 4500 करोड़ रुपए की कई परियोजनाओं का इनॉगरेशन और शिलान्यास किया था। उन्होंने अशोक विहार में बने 1,675 फ्लैट्स की चाबी गरीबों को सौंपी थी। गरीबों के लिए नए घर का इनॉगरेशन करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि मैं भी शीशमहल बना सकता था। लेकिन मैंने कभी अपना घर नहीं बनाया, 10 सालों में 4 करोड़ गरीब परिवारों को पक्का घर दिया है।