ताजा खबरराष्ट्रीय

केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने मोदी सरकार से दिया इस्तीफा, बोले- मेरे साथ नाइंसाफी हुई; मैं तय करूंगा कहां जाना है, प्रेस कॉन्फ्रेंस में की घोषणा

पटना। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति पारस ने केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि NDA में उनके साथ नाइंसाफी हुई है। अब वे तय करेंगे कि उन्हें कहां जाना है। दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने ये ऐलान किया। इतना ही नहीं उनके महागठबंधन में जाने को लेकर भी बड़ा अपडेट सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक, पशुपति ने अभी तक महागठबंधन में जाने का विचार नहीं किया है लेकिन आगे के भविष्य के लिए वह अपनी पार्टी के नेताओं के संग विचार-विमर्श करेंगे। इसी के साथ वे पटना में जल्द ही पार्टी नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं।

बिहार में सीट न मिलने से दिया इस्तीफा

सोमवार को बिहार की 40 लोकसभा सीटों के लिए NDA ने सीट शेयरिंग की घोषणा की थी। इसमें भाजपा, जदयू, लोजपा (रामविलास), राष्ट्रीय लोक मोर्चा और हम के बीच सीटों का बंटवारा हुआ। जिसमें पशुपति पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोजपा को एक भी सीट नहीं मिली। उनकी पार्टी को पूरी तरह से गठबंधन के अंदर इग्नोर किया गया। तब से ही वे नाराज हैं। इन्हीं सीटों को लेकर हुए बंटवारे के बाद केंद्रीय मंत्री और चिराग पासवान के चाचा पशुपति ने इस्तीफा दिया।

Bihar Lok Sabha Election 2024 National Latest News

पशुपति जल्द कर सकते हैं बड़ा ऐलान

जानकारी के अनुसार, पशुपति पारस की पार्टी राजद के संपर्क में है। संभावना जताई जा रही है कि वे जल्द ही बड़ा ऐलान कर सकते हैं। पशुपति पारस ने पहले ही कह दिया था कि वो हर हाल में हाजीपुर सीट से ही चुनाव लड़ेंगे। लेकिन इस बार एनडीए में ये सीट चिराग को दी गई।

चाचा भतीजा आमने-सामने !

रिपोर्ट्स के अनुसार, 5 सीटों के लिए पशुपति और पार्टी राजद की बात हो गई है। संभावना है कि हाजीपुर समेत जो सीटें NDA में चिराग पासवान की पार्टी को मिली है। वही, सीटें महागठबंधन में पशुपति कुमार पारस को मिल सकती हैं। जिन सीटों पर चिराग अपने उम्मीदवार उतारेंगे, उनके खिलाफ चाचा भी उन्हीं सीटों पर अपने उम्मीदवार देंगे।

JDU बोली- यह भाजपा और पशुपति के बीच का मुद्दा

JDU नेता नीरज कुमार का इस मामले पर कहना है कि, यह भाजपा और पशुपति के बीच का मुद्दा है, इसमें JDU की कोई भूमिका नहीं थी। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने चिराग पासवान के साथ मिलकर फैसला लिया है।

2019 में पशुपति पारस बने थे सांसद

बता दें कि 2019 में हाजीपुर सीट से लोकसभा का चुनाव जीत कर पशुपति पारस सांसद बने थे। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में उन्हें जगह दी और केंद्र में मंत्री का पद दिया। लेकिन, 2024 में होने जा रहे लोकसभा के चुनाव में भाजपा ने चिराग पासवान को हाजीपुर की सीट दी और चाचा पशुपति कुमार पारस को नजरअंदाज कर दिया।

ये भी पढ़ें – लोकसभा चुनाव से पहले JMM को झटका : हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने पार्टी के सभी पदों से दिया इस्तीफा, कहा- मेरे खिलाफ गहरी साजिश…

संबंधित खबरें...

Back to top button