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संसद के दोनों सदनों में उठी तवांग झड़प पर चर्चा की मांग, अनुमति न मिलने पर विपक्षी पार्टियों का वॉकआउट

नई दिल्ली। 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के मुद्दे पर संसद में हंगामा हुआ। विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे को उठाते हुए इस पर चर्चा की मांग की। लेकिन, लोकसभा और राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं मिली। इसके बाद विभिन्न विपक्षी पार्टियों के सदस्यों ने वॉकआउट किया।

खड़गे बोले- देशवासियों को मिले वास्तविक जानकारी

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शून्यकाल में चीनी अतिक्रमण के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की। उन्होंने कहा- हमने कल भी इस मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था। जो चीनी अतिक्रमण हुआ है, उसके बारे में हम विस्तृत चर्चा चाहते हैं। हमारी कोशिश रही है कि सदन को पूरी जानकारी मिले, देश के लोगों को भी जानकारी मिले कि वहां की वास्तविक स्थिति क्या है। उन्होंने कहा कि सदन को बहुत सी चीजें जाननी हैं, जो रक्षा मंत्री ने नहीं बताईं।

खड़गे की बात के बीच भाजपा सांसद को मौका दिया

खड़गे ने कहा- हमारे पास जो सूचनाएं हैं, उसके मुताबिक जो जगह पहले खाली थी अब वहां पर पुल बन गए हैं। मकान बन गए हैं। इस पर उप सभापति हरिवंश ने खड़गे को टोकते हुए कहा कि आज इस बारे में कोई नोटिस नहीं है, इसलिए इस विषय पर चर्चा नहीं की जा सकती है। रक्षा मंत्री भी इस पर बयान दे चुके हैं। इस पर खड़गे ने कहा- हम देश के साथ हैं, हम सेना के साथ हैं। उनकी बात काटते हुए उप सभापति ने शून्यकाल शुरू कराया और भाजपा के बृजलाल को अपना मुद्दा उठाने को कहा। इसी बीच, विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। उप सभापति ने एक बार फिर हंगामा कर रहे सदस्यों को शांत करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि मंगलवार को विपक्ष के नेता को चीनी अतिक्रमण के मुद्दे पर अपने नोटिस को पूरा पढ़ने का मौका दिया गया। इस बीच, खड़गे कुछ बोलना चाहते थे, लेकिन आसन ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी। इसके कुछ देर बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल सहित कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने विरोध जताते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।

लोकसभा में भी नहीं मिली अनुमति

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने तवांग में झड़प का मुद्दा उठाया और चर्चा की मांग रखी। उन्होंने कहा- 1962 में युद्ध के समय संसद में चर्चा हुई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी ने 165 सांसदों को बोलने का मौका दिया था। हम चाहते हैं कि अब भी तवांग में झड़प पर चर्चा हो। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि इस विषय पर कार्य मंत्रणा समिति (BAC) की बैठक में फैसला होगा। जैसे ही अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को आगे चलाने को कहा- कांग्रेस एवं तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने सरकार पर यह आरोप लगाते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया कि वह भारत-चीन सीमा मुद्दे पर चर्चा नहीं होने दे रही है। तृणमूल कांग्रेस सदस्य सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि उनकी पार्टी के सदस्य सरकार के रुख के विरोध में वॉकआउट कर रहे हैं।

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