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महाकुंभ भगदड़ पर विपक्ष ने योगी सरकार को घेरा, सपा सांसद ने कहा- लाशें गंगा में बहाई गईं

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। यह मुद्दा अब सड़कों और मीडिया से उठकर संसद तक पहुंच गया है। राज्यसभा में समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने इस मामले को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला और वॉकआउट कर दिया।

रामगोपाल यादव ने लगाए गंभीर आरोप

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने वॉकआउट के बाद योगी सरकार पर तीखे आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “यह भगदड़ प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है। चश्मदीदों के अनुसार, भगदड़ में हजारों लोग मारे गए हैं। परिवारों को शव नहीं मिल रहे और सरकार ने अब तक किसी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। हमने नोटिस दिया, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया।”

रामगोपाल ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार मृतकों की सही संख्या छिपा रही है। उन्होंने कहा, “सीएम योगी ने सख्त आदेश दिए हैं कि मरने वालों की संख्या 30 से ऊपर न जाए। शवों को गंगा में बहाने या मिट्टी में दबाने जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। अधिकारियों द्वारा परिवारों को पैसे देकर शवों को वापस भेजा जा रहा है, ताकि आंकड़ों में बढ़ोतरी न हो।”

लोग अब अभी भी लापता : अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले में योगी सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा, “लोग अब भी अपने परिवार के सदस्यों की खोज कर रहे हैं। सरकार को उनकी सूची जारी करनी चाहिए। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि लापता लोगों का पता लगाया जाए।” उन्होंने सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि वह कुंभ में हुए हादसे को लेकर पारदर्शिता नहीं बरत रही।

आधिकारिक आंकड़े और अलग-अलग दावे

सरकार की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भगदड़ में अब तक 30 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें से 25 शवों की पहचान कर ली गई है। लेकिन विपक्ष और अन्य स्रोतों के अनुसार, मरने वालों की संख्या हजारों तक पहुंच सकती है।

वहीं रामगोपाल ने ये भी आरोप लगाया कि यूपी सीएम के सख्त आदेश कि मरने वालों की संख्या 30 से ऊपर न जाए। उन्होंने कहा कुछ शवों को गंगा में बहा दिया गया, तो कुछ को मिट्टी में दबा दिया गया, अधिकारी लोगों को पैसा देकर शवों को भेज रहे हैं, ताकि गिनतें में न आ सके।

न्यायिक जांच की मांग

रामगोपाल यादव ने न्यायिक जांच को ‘आईवॉश’ करार देते हुए कहा, “अगर योगी सरकार में हिम्मत है, तो सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की निगरानी में जांच कमेटी बनवाएं।” कुंभ भगदड़ में मारे गए लोगों का सही आंकड़ा अभी पता नहीं लग पाया है। महाकुंभ में भगदड़ और लापता लोगों के मुद्दे पर विपक्ष ने साफ कर दिया है कि यह मामला संसद से लेकर सड़कों तक उठाया जाएगा।

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