
अमृतसर। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार रात मोहाली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 95 साल के थे। 16 अप्रैल को उन्हें सांस लेने में तकलीफ के बाद मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 25 अप्रैल को निधन हो गया। केंद्र सरकार ने उनके सम्मान में 26-27 अप्रैल को दो दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है। वहीं पंजाब में गुरुवार को सरकारी छुट्टी की घोषणा कर दी गई है।
2 दिन का राष्ट्रीय शोक
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल देश की राजनीति के सबसे बुजुर्ग नेता थे। केंद्र सरकार ने उनके सम्मान में 26-27 अप्रैल को दो दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान दो दिन पूरे देश में लगा ध्वज आधा झुका दिया जाएगा। इसके अलावा सभी आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं।
पैतृक गांव में कल होगा अंतिम संस्कार
शिरोमणि अकाली दल के चंडीगढ़ स्थित कार्यालय में प्रकाश सिंह बादल के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। बुधवार सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक अंतिम दर्शन किए जा सकते हैं। जिसके बाद चंडीगढ़ से बठिंडा के लिए शव यात्रा निकाली जाएगी। उनका संस्कार कल यानी गुरुवार को उनके पैतृक गांव बादल में दोपहर 1 बजे किया जाएगा।
20 साल की उम्र में रखा राजनीति में कदम
प्रकाश सिंह बादल का जन्म 8 दिसंबर 1927 को पंजाब में मालवा के पास स्थित गांव अबुल खुराना में हुआ था। वे एक जाट सिख थे। 1959 में उन्होंने सुरिंदर कौर से शादी की। उनके दो बच्चे सुखबीर सिंह बादल और परनीत कौर हैं। 2011 में प्रकाश सिंह बादल की पत्नी सुरिंदर कौर का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। उन्होंने 20 साल की उम्र में 1947 में सरपंच का चुनाव जीतकर अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था। 1957 में पहली बार पंजाब विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए और इसके बाद 1969 में प्रकाश सिंह बादल को एक बार फिर विधानसभा के लिए चुना गया।
पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप उनका सफर
1970 – 43 साल की उम्र में वे पंजाब के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री चुने गए।
1977 – आपातकाल के दौरान उन्हें जेल में बंद कर दिया गया। जिसके बाद वे केंद्रीय कृषि और सिंचाई मंत्री बने। बाद में वे दूसरी बार मुख्यमंत्री चुने गए।
1997 – उन्होंने भाजपा के समर्थन से सरकार बनाई और वे तीसरी बार मुख्यमंत्री चुने गए।
2007 – वे चौथी बार मुख्यमंत्री बने। उन्होंने अकाली-भाजपा सरकार का नेतृत्व किया।
2012 – अकाली-भाजपा सरकार का नेतृत्व करते हुए पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने। 84 साल की उम्र में सबसे उम्रदराज मुख्यमंत्री बने।
2022- पंजाब विधानसभा चुनाव में लंबी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन मगर आम आदमी पार्टी (आप) के प्रत्याशी गुरमीत सिंह खुड्डियां ने उन्हें 11,396 मतों से हरा दिया।