मध्यप्रदेश में पहली से लेकर पांचवीं तक के स्कूल पूरी क्षमता के साथ खोल दिए हैं। वहीं स्कूल खोले जाने को लेकर विरोध शुरू हो गया है। भोपाल के निजी स्कूल ने एक सप्ताह पहले ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन क्लास में बच्चों की मौजूदगी अनिवार्य कर दी। इसका विरोध करने गुरुवार सुबह बड़ी संख्या में पेरेंट्स स्कूल पहुंच गए। बता दें कि पेरेंट्स ने स्कूल के प्रिसिंपल से भी मुलाकात की। जानकारी के अनुसार, स्कूल प्रबंधन ने पेरेंट्स से दो दिन का समय मांगा है।
ऑनलाइन क्लासेस जारी रखने की मांग
बता दें कि पेरेंट्स बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। पेरेंट्स का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूल प्रबंधन ने सारी जिम्मेदारी अभिभावकों पर डाल दी है। ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी तय करें। तो वहीं स्कूलों में टीचर और सारे स्टाफ का 100 फीसदी वैक्सीनेशन हो। स्कूल में अगर एक बच्चा भी संक्रमित होता है तो बड़ी संख्या में बच्चों के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
सोमवार तक आ सकता है फैसला
सभी पेरेंट्स ने स्कूल प्रबंधन को उनके साइन किए एक-एक फॉर्म स्कूल को सौंपे हैं। बता दें कि पेरेंट्स ने फॉर्म में ऑनलाइन क्लास को अनिवार्य रूप से जारी रखने का अनुरोध किया है। इस पर निर्णय लेने के लिए प्रिंसिपल ने पेरेंट्स से दो दिन का समय मांगा है। इसका मतलब अब इस पर सोमवार तक कोई निर्णय आ सकता है।
पालक संघ कोर्ट में याचिका लगाएगा
इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जबलपुर में पालक संघ याचिका लगाएगा। संघ के अध्यक्ष और एडवोकेट चंचल गुप्ता ने बताया कि संघ आज शासन के स्कूल खोलने के निर्देश स्पष्ट नहीं होने के कारण एक याचिका लगाएगा। उन्होंने बताया कि स्कूल फीस को लेकर पहले से ही मामला हाईकोर्ट में चल रहा है। अब उस पर निर्णय बाकी रह गया है। ऐसे में सरकार ने स्कूल फीस और स्कूल खोलने को लेकर अस्पष्ट निर्देश दिए हैं। हम उनके इन निर्देश के खिलाफ कोर्ट जा रहे हैं। एक तरफ सरकार ने पेरेंट्स की अनुमति जरूरी रखी है। वहीं दूसरी ओर स्कूल को फीस और खोलने को लेकर सभी अधिकार दे दिए हैं। इससे पेरेंट्स की अनुमति के कोई मायने नहीं रह जाते हैं।