राष्ट्रीयस्वास्थ्य

कैंसर, शुगर समेत इन बिमारियों की दवाई 40% तक हुई सस्तीः सरकार ने 119 दवाओं की अधिकतम कीमत की तय, जानें क्या हैं नए दाम

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जरूरी दवाओं की सूची (एनएलईएम) में शामिल 119 दवाओं की अधिकतम कीमत बुधवार को तय कर दी हैं। इसके चलते कैंसर, डायबिटीज, फीवर, हेपेटाइटिस सहित कई गंभीर बीमारियों की दवाओं की कीमतों में 40% तक कमी आएगी। आने वाले समय में एनएलईएम में शामिल कुछ और दवाओं की अधिकतम कीमतें कम की जाएंगी।

119 दवाओं की अधिकतम कीमत तय

नेशनल फार्मास्युटिकल्स प्राइसिंग अथॉरिटी की बैठक में इस सूची में शामिल 119 तरह के फार्मूलेशन वाली दवाओं की अधिकतम कीमत प्रति टेबलेट-कैप्सूल निर्धारित की गई है। एनपीपीए की ओर से जिन मुख्य दवाओं की कीमतों में कमी गई है, उसमें बुखार की दवा पैरासिटामोल, खून में यूरिक एसिड कम करने वाली दवा, मलेरिया, अलग-अलग बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली एंटीबॉयोटिक्स शामिल हैं। इसके अलावा मेनिन्जाइटिस, लिवर, शुगर, मेनोपॉज, खून पतला करने वाली और कैंसर के ट्यूमर के बढ़ने की रफ्तार घटाने वाली दवाओं की अधिकतम कीमत तय की गई हैं।

पैरासिटामोल की कीमत 12% घटी

दवा    पुरानी कीमत     नई कीमत      दाम घटे

 

टैमोजोलोमाइज 662.24 393.6 40%
एलोप्यूरिनॉल 8.31 5.02 39%
सोफोस्बुविर 741.12 468.32 37%
लेट्रोजोले 39.03 26.15 37%
क्लैरिथोरोमाइसिन 54.8 34.61 36%
हेपेरिन 24.39 18.92 24%
फ्लुकोनाजोल 34.69 26.53 23%
मेटफार्मिन 4.00 3.11 22%
सेफिक्सिम 24.5 19.71 19%
पैरासिटामोल 2.04 1.78 12%
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन 13.26 12.31 7%

(पुरानी और नई कीमत प्रति टेबलेट रुपए में हैं।)

लगातार बढ़ रहे कैंसर के मामले

भारत में कैंसर के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। चिंता की बात यह है कि अब कम उम्र के लोग भी इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं। 50 साल की उम्र से पहले ही ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और मुंह के कैंसर के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के केस सबसे ज्यादा देखने में आ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि खानपान की गलत आदतें और खराब दिनचर्या के कारण इस बीमारी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 25 से 40 साल की उम्र में काफी केस सामने आ रहे हैं।

हर साल बढ़ रहे डायबिटीज मरीज

भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। बच्चों में भी टाइप-2 डायबिटीज देखी जा रही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि भारत में 2025 तक डायबिटीज के मरीजों में 12 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है। बता दें कि फिलहाल देश में करीब 77 मिलीयन लोग इस बीमारी से पीड़ित है। इनमें से करीब 13 मिलियन 65साल से कम उम्र के हैं। इनमें बच्चों की भी संख्या बड़ी है।

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