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दीदी की ई-पाठशाला में आदिवासी महिलाएं सीख रहीं बैंकिंग

डिंडौरी कलेक्टर का नवाचार, बैगा और गोंड समाज की महिलाओं को कर रहे जागरूक

भोपाल। जनजातीय बहुल जिला डिंडौरी में बैगा और गोंड के साथ अन्य आदिवासी समुदाय की 40 वर्ष पार महिलाओं में साक्षरता की कमी हैं। ऐसी महिलाएं बैंकों में ऋण संबंधी कार्रवाई पूरी कराने में असमर्थ रहती हैं तो बैंक से रुपयों का लेन-देन भी नहीं हो पाता। मनरेगा का जॉब कार्ड होते हुए भी आधार से लिंक कराने में समस्या सामने आती है। महिलाओं को कई और समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन सबसे निजात पाने के लिए डिंडौरी कलेक्टर विकास मिश्रा ने हर गांव-हर वार्ड में ई-पाठशाला प्रारंभ करने का प्लान तैयार किया है। इसकी शुरुआत 10 दिसंबर से हो गई है।

ये है प्लानिंग

योजना के तहत महिलाओं को जानकारी देने के लिए गांव की पढ़ी लिखी महिलाओं और बैंकिंग से जुड़े अधिकारी-कर्मचारियों का सहयोग लिया जाएगा। ये जानकार इन महिलाओं को पाठशाला में आकर बैंकिंग संबंधी पूरी जानकारी देंगे।

कलेक्टर पहुंचे पाठशाला

ई-पाठशाला संचालन की जिम्मेदारी राष्ट्रीय शहरी एवं ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत जिला इकाइयों को दी गई है। पहले दिन कलेक्टर विकास मिश्रा ने पाठशाला में पहुंचकर ग्रामीण एवं शहरी महिलाओं को बताया कि वे बिना किसी और का सहयोग लिए स्वयं बैंक का कामकाज कर सकती हैं।

महिलाएं सीखेंगी ई-बैंकिंग

बैगा और गौंड समुदाय की महिलाओं में जागरुकता की कमी है। अभी ब्लॉकवार दीदी की ई-पाठशाला शुरू की है। इसे पंचायत तक ले लाएंगे। -मीना परते, डीपीएम, ग्रामीण आजीविका मिशन, डिंडौरी

कागज रहित लेनदेन सीखेंगी

दीदी की पाठशाला में महिलाएं वित्तीय ई-बैकिंग, कागज रहित लेन देन, बीमा एवं ऋण से संबंधित योजनाओं के विषय जानेगीं। -श्वेता तिवारी, सिटी मिशन मैनेजर, शहरी ग्रामीण आजीविका मिशन, डिंडौरी

(इनपुट-पुष्पेन्द्र सिंह)

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