
रतलाम में ऋषभ धाम में आयोजित पंचकल्याणक महोत्सव में कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गेहलोत, कैबिनेट मंत्री श्री चैतन्य काश्यप सम्मिलित हुए। इस दौरान कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गेहलोत कहा कि पंचकल्याणक महोत्सव जैन धर्म में एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान और उत्सव है जो तीर्थंकर भगवान के जीवन के पांच महत्वपूर्ण चरणों के माध्यम से हमें धर्म और मोक्ष के पथ पर चलने की प्रेरणा देता है।
राज्यपाल थावरचंद गेहलोत ने कहा-
आगे गेहलोत ने कहा कि ये महोत्सव हमें भगवान की शिक्षाओं को आत्मसात करने, आत्मा की दिव्यता को पहचानने और संयम, धर्म, करुणा, और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि जैन धर्म के 22 वे तीर्थंकर भगवान नेमिनाथ का जीवन करुणा, अहिंसा, त्याग और सत्य का आदर्श उदाहरण है। उनके विचार आज भी मानवता के लिए प्रेरणादायक है।
महोत्सव के दौरान राज्यपाल ने कही ये बड़ी बात
आपको बता दें कि कर्नाटक के राज्यपाल थावरचन्द गेहलोत और मध्यप्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और रतलाम शहर के विधायक चैतन्य काश्यप आपस में रिश्तेदार भी है। ये खुलसा आज रतलाम में आयोजित जैन समाज के कार्यक्रम में उद्बोधन के दौरान राज्यपाल महोदय ने किया। श्री गेहलोत ने कहा की में बताना चाहता हूं की मेरे दो पोते की शादी जैन परिवार में हुई है और चैतन्य काश्यप जी मेरे रिश्तेदार है। इस दौरान कैबिनेट मंत्री काश्यप राज्यपाल के पास ही खड़े थे।
कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप ने कहा-
प्रदेश के कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप ने कहा कि हमारी सांस्कृतिक परंपरा प्राचीन है जो वसुदेव कुटुंबकम् के दर्शन और ध्यान पर केंद्रित होकर सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे संतु निरामया के साथ ही जियो और जीने दो की भावना से प्रेरित है। भारतीय संस्कृति में पर्यावरण संरक्षण की प्राचीन परंपरा है। हम वृक्ष, जल, भूमि और जीव जंतुओं की पूजा करते हैं। प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा करना हर व्यक्ति का कर्तव्य है।