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पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित Kamala Pujari का निधन, राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार

भुवनेश्वर। ओडिशा के आदिवासी बहुल कोरापुट जिले की आदिवासी महिला एवं पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित कमला पुजारी (Kamala Pujari) का शनिवार को निधन हो गया। कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 76 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली।

अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक, कमला पुजारी किडनी से संबंधित बीमारी से पीड़ित थीं और शुक्रवार रात को उनका डायलिसिस किया गया था। आज तड़के दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।

राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने की घोषणा

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कमला पुजारी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किए जाने की घोषणा की है। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि वह एक असाधारण कृषक थीं और जैविक खेती के प्रति उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।

कौन हैं कमला पुजारी ?

ओडिशा में कोरापुट जिले के बोइपारीगुडा के पास पात्रपुट गांव निवासी कमला पुजारी ने स्थानीय धान को संरक्षित किया। उन्होंने जयपुर में एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन से बुनियादी तकनीक सीखीं और जैविक खेती के क्षेत्र में काफी काम किया। उन्होंने अपने जीवनकाल में धान की सैकड़ों देशी किस्मों को संरक्षित किया। उनके प्रयासों से पात्रपुट और आस-पास के गांवों के किसानों ने रासायनिक खादों का इस्तेमाल छोड़ दिया और बेहतर फसल तथा मिट्टी की उर्वरता के लिए जैविक खेती को अपनाया। उन्होंने 2002 में जोहान्सबर्ग में इक्वेटर इनिशिएटिव अवॉर्ड जीता। ओडिशा सरकार ने उन्हें वर्ष 2004 में सर्वश्रेष्ठ महिला किसान के रूप में सम्मानित किया।

राष्ट्रीय पुरस्कार ‘कृषि बिसरदा सम्मान’ से सम्मानित कमला पुजारी को उन्हें ओडिशा राज्य योजना बोर्ड के सदस्यों की सूची में शामिल होने वाली पहली आदिवासी महिला होने का अनूठा गौरव प्राप्त था। उन्हें मार्च 2018 में पांच सदस्यीय योजना दल का सदस्य बनाया गया था। कृषि के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें वर्ष 2019 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

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