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Padma Awards 2023 : कुमार मंगलम बिड़ला समेत 50 हस्तियों को राष्ट्रपति मुर्मू ने दिए पद्म पुरस्कार

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस पर घोषित पद्म पुरस्कारों का वितरण बुधवार से शुरू हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस एम कृषणा, जाने माने उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला और प्रसिद्ध प्ले बैक सिंगर सुमल कल्याणपुर समेत 50 हस्तियों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया। पंडवानी गायिका उषा बारले को पद्मश्री से नवाजा गया तो बेहद भावुक हो गईं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को दंडवत होकर प्रणाम किया।

उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला को सम्मानित करतीं राष्ट्रपति मुर्मू।

जाने माने स्टॉक मार्केट निवेशक राकेश झुनझुनवाला को मरणोपरांत पद्म श्री से नवाजा गया। बता दें कि इस वर्ष गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गृह मंत्रालय ने 106 पद्म पुरस्कार प्रदान करने को मंजूरी दी थी। इनमें से 50 लोगों को बुधवार को पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री प्रदान दिए गए।

UPA सरकार में मंत्री रहे SM कृष्णा को पद्म विभूषण

यूपीए सरकार में मंत्री रहे एस एम कृष्णा को पद्म विभूषण प्रदान किया गया। वह कांग्रेस नीत संप्रग सरकार में विदेश मंत्री थे और बाद में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। जाने-माने वास्तुकार बाल कृष्ण दोशी (मरणोपरांत) को भी पद्म विभूषण दिया गया। कुमार मंगलम बिरला, दिल्ली स्थित प्रोफेसर कपिल कपूर, आध्यात्मिक नेता कमलेश पटेल और सुमन कल्याणपुर को पद्म भूषण प्रदान किया गया।

हीराबाई लोबी ने राष्ट्रपति के कंधे पर हाथ रख खिंचाई फोटो

राष्ट्रपति के साथ फोटो खिंचवाती हीराबाई लोबी।

जब 62 साल की सामाजिक कार्यकर्ता हीराबाई लोबी को पद्मश्री पुरस्कार मिला तो राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत सभी ने मुस्कुराकर उनका स्वागत किया। हीराबाई ने राष्ट्र्रपति मुर्मू के कंधे पर हाथ रखकर फोटो खिंचवाई। 

पंजाबी में रामचरित मानस के अनुवाद पर डॉ. जग्गी को पद्मश्री

पंजाबी स्कॉलर डॉ. रतन सिंह जग्गी को राष्ट्र्रपति ने पद्मश्री से नवाजा। डॉ. जग्गी ने रामचरित मानस का पंजाबी में अनुवाद किया। जग्गी पंजाब के इकलौते व्यक्ति हैं, जिन्हें इस साल पद्म पुरस्कार मिला। बताते हैं कि श्री गुरू ग्रंथ साहिब से संबंधित सवालों का जवाब देने के लिए एक विश्वकोष की जरूरत थी, जिसे देखते हुए 2002 में डॉ. जग्गी ने संक्षिप्त रूप में श्री गुरू ग्रंथ विश्वकोष लिखा। इसे पटियाला की पंजाबी यूनिवर्सिटी ने प्रकाशित किया। साहित्य जगत में डॉ. जग्गी की उपलब्धियों के लिए उन्हें साल 2014 में पंजाबी यूनिवर्सिटी ने आनरेरी डी-लिट डिग्री से नवाजा था।

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