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बिना अनुमति मालिकों ने तान दिए 5 लाख से अधिक मकान

भोपाल, इंदौर, ग्वालियर सहित 300 निकायों में जीआईएस सर्वे पूरा

भोपाल। भोपाल, इंदौर सहित 300 शहरों में करीब पांच लाख भवन बिना अनुमति के तान दिए गए हैं। ज्यादातर ऐसे भवन हैं जिनमें भवन अनुज्ञा से ज्यादा निर्माण किए गए हैं। यह बात जीआईएस सर्वे रिपोर्ट सामने आई है। अब इन भवनों के निर्माण को वैध करने के लिए पेनल्टी सहित शुल्क और टैक्स लगाया जाएगा। बारिश के बाद सरकार इस तरह के हितग्राहियों को नोटिस जारी करने का काम शुरू करेगी। प्रदेश में करीब 70 लाख मकान हैं।

प्रदेश में 413 से अधिक नगरीय निकाय हैं। इसमें से करीब 300 निकायों में जीआईएस सर्वे से यह पता किया गया कि कितने भवन वैध है और कितने अवैध। जबलपुर सहित 100 शहरों में सर्वे कार्य जारी है, जो तीन माह में पूरा हो जाएगा। बिना अनुमति अधिक निर्माण करने वाले मालिकों के भवन पर हथौड़ा भी चलाया जा सकता है।

ज्यादा अवैध निर्माण इंदौर में

इंदौर नगर निगम की सीमा में सबसे ज्यादा अवैध निर्माण इंदौर शहर में हैं। इंदौर में सात लाख भवन हैं। इसमें से करीब 90 हजार भवन या तो बिना अनुमति के हैं या फिर जितने क्षेत्र में निर्माण की अनुमति ली थी, उससे अधिक में बने हैं। कुछ इसी अनुपात में भोपाल की नगर निगम में भी भवनों में अवैध निर्माण कार्य किए गए हैं। कई ऐसे छोटे-छोटे निकायों में तो पचास फीसदी तक भवन अवैध निर्माण की श्रेणी में हैं।

ऐसे किया जाएगा सत्यापन

नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग जीआईएस सर्वे डाटा को फिल्टर करेगी। इसके लिए एक लैब तैयार हो रही है। लैब में भवन अनुज्ञा की अनुमति, भवनों के नक्शे, और प्रापर्टी आईटी निकायवार अपलोड होगा। यह लैब डाटा का आकलन कर यह बताएगी कि कौन सा भवन कितने ज्यादा अवैध है। निकाय के अधिकारी मौके पर सत्यापन कर भवन मालिक को नोटिस पकड़ाएंगे। एक माह में टैक्स वसूली की जाएगी।

ऐसे होगी टैक्स वसूली टैक्स वसूली

भवन के भाड़ा मूल्य के आधार पर किया जाएगा। भाड़ा मूल्य कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार तय किया जाएगा। इसके अलावा भवन मालिक पर पेनल्टी भी लगाई जाएगी। भवन अनुज्ञा से तीन फीसदी से अधिक निर्माण को नियमित नहीं किया जाएगा। इसके अलावा अनुमति से अधिक किए गए निर्माण को तोड़ा भी जा सकता है।

जीआईएस सर्वे जारी, निकायों को वसूली के लिए कहा है

सभी शहरों के जीआईएस सर्वे का काम कराया गया है। सर्वे में बहुत से भवनों में अनुज्ञा से ज्यादा निर्माण कार्य होना पाया गया है। सर्वे में यह भी निकलकर आया है कि बहुत से भवन बिना अनुमति के बनाए गए हैं। निकायों को इनसे वसूली और कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। -नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग

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