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नए ‘माननीय’ तलाशने लगे हारे मंत्रियों के ओएसडी और निज सचिव

राज्य में मंत्रिमंडल गठन से पहले शुरू हुई हलचल, कई ओएसडी मंत्रियों के यहां हमेशा काम करते रहे हैं

भोपाल। प्रचंड बहुमत से जीतने के बाद भाजपा प्रदेश में मंत्रिमंडल के गठन की तैयारी की जा रही है। वहीं हारे मंत्रियों के ओएसडी अपना नया ठिकाना ढूंढ़ने में लग गए हैं। ये संभावित मंत्रियों के यहां चक्कर लगाने लगे हैं। ऐसे में नेता भी उन्हें भरोसा दे रहे हैं कि मंत्री बनते ही उन्हें पदस्थ करा लेंगे। विधानसभा चुनाव में नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल, अरविंद भदौरिया, प्रेम सिंह पटेल सहित एक दर्जन मंत्री हार गए, जबकि दो मंत्रियों ने चुनाव नहीं लड़ा। वैसे मंत्रियों के यहां पदस्थ कई ऐसे ओएसडी और निज सचिव हैं, जो मंत्री कोई भी रहे और किसी की भी सरकार रहे, ओएसडी वही रहते हैं। सेवानिवृत्ति के बाद भी ये किसी न किसी मंत्री के यहां काम करते हैं। पुराने और कई मंत्रियों के ओएसडी रहे अधिकारियों को बुलाने के लिए मंत्री जीएडी को नोटशीट भी लिखते हैं। नियमों के अनुसार ओएसडी बनाने का प्रस्ताव मंत्री भेजते है, फिर उनकी पदस्थापना की जाती है।

जल्द वापस होंगे मंत्रियों के विभागीय कर्मचारी

सामान्य प्रशासन विभाग में हारे और जीते मंत्रियों के स्टाफ की सूची तैयार की जा रही है। नए मंत्रिमंडल के गठन से पहले इन्हें वापस बुलाकर उनके विभागों में भेजा जाएगा। बताया जाता है कि मंत्रियों की डिमांड पर उनको ओएसडी सहित अन्य कर्मचारी उपलब्ध कराए जाते हैं। कुछ मंत्री अपने विभाग से ओएसडी और कर्मचारी अटैच कर लेते हैं। जबकि दूसरे विभागों के कर्मचारी और अधिकारियों को समन्वय के माध्यम से मंत्रियों के यहां अटैच किया जाता है।

हारे मंत्री और उनके ओएसडी

  • नरोत्तम मिश्रा-विष्णुकांत समरिया
  • कमल पटेल- दया किशन शर्मा
  • रामकिशोर कांवरे- बसंत बाथरे
  • महेंद्र सिसोदिया- महेंद्र द्विवेदी
  • प्रेम सिंह पटेल – डॉ. अजय कौशल
  • भारत सिंह कुशवाहा – जेपी श्रीवास्तव
  • राम खेलावन पटेल- बीपी गौर
  • अरविंद भदौरिया – अपने विभाग के स्टाफ रखे थे
  • सुरेश धाकड़ -अपने विभाग के स्टाफ रखे थे।
  • राहुल लोधी – अपने विभाग के स्टाफ रखे थे।

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