
नई दिल्ली। हाल ही के वर्षों में भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) की रुचि बढ़ने के कारण इस क्षेत्र में उछाल आया है। इसका मुख्य कारण देश में प्रॉपर्टी से मिलने वाले किराए से होने वाली आय में वृद्धि, रुपए का लगातार अवमूल्यन, सरकार की लाभदायक नीतियां तथा कठिनाई के समय में भी रियल एस्टेट सेक्टर के द्वारा प्रदर्शित लचीलापन है। लेकिन अनिवासी भारतीय सिर्फ आर्थिक फायदों के लिए यहां निवेश नहीं कर रहे हैं बल्कि इसके पीछे एक और कारण उनका अपनी मातृभूमि से भावनात्मक लगाव भी है।
भारतीय कंपनी नोब्रोकर की एनआरआई रियल एस्टेट रिपोर्ट 2023 के अनुसार अन्य संपत्तियों जैसे स्टॉक मार्केट, एवं क्रिप्टो की तुलना में निवेश का यह एक सुरक्षित विकल्प भी है। बाजार की अनिश्चित स्थितियों जैसे महामारी, महंगाई एवं मंदी में स्टॉक मार्केट एवं बिटकॉइन का अनुमान लगाना मुश्किल हो जाता है। इसके विपरीत रियल एस्टेट सेक्टर ने पिछले कुछ वर्षों में लगातार वृद्धि प्रदर्शित की है। इसलिए यह ऐसे लोगों के लिए निवेश की स्थाई एवं भरोसेमंद पसंद है जो दीर्घ अवधि के लिए वित्तीय सुरक्षा चाहते हैं। अनिवासी भारतीयों की खुद के उपयोग के लिए या निवेश के उद्देश्य से भारत में संपत्ति खरीदने की रुचि लगातार बढ़ती जा रही है।
2025 तक निवेश 17% तक बढ़ने के आसार
पिछले कुछ वर्षों में भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में एनआरआई का योगदान लगातार बढ़ रहा है। वित्तीय वर्ष 2019- 20 में भारतीय रियल एस्टेट बाजार में हुए कुल निवेश में एनआरआई की भागीदारी जहां दस प्रतिशत थी, वहीं वर्तमान में यह 15 प्रतिशत के आसपास है जिसके वर्ष 2025 तक 17 प्रतिशत तक बढ़ने के आसार हैं।
बेंगलुरु-मुंबई सर्वाधिक पसंदीदा शहर
महानगरीय जीवनशैली, विश्वस्तरीय शिक्षण संस्थान, स्टार्टअप का इकोसिस्टम तथा बेंगलुरु में प्रॉपर्टी के किराए से होने वाली आमदनी के कारण यह शहर निवेश का पसंदीदा स्थल है। वाणिज्य, रहवासी तथा लक्जरी संपत्तियों की मिली-जुली उपलब्धता के कारण मुंबई भी आकर्षण का केंद्र है। अंतर्राष्ट्रीय बिजनेस हब के स्टेटस, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं गतिशील जीवनशैली के कारण मुंबई दूसरे स्थान पर है।
82% लोगों को प्रॉपर्टी ढूंढते वक्त जानकारी एवं पारदर्शिता की कमी की समस्या से जूझना पड़ता है
एनआरआई खरीदारों में से 82 प्रतिशत ऐसे हैं जिन्हें भारतीय रियल एस्टेट बाजार में प्रॉपर्टी ढूंढते समय जानकारी की एवं पारदर्शिता की कमी जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए यह जरूरी है कि प्रॉपर्टी खरीदी की प्रक्रिया में स्पष्टता एवं पहुंच में सुधार किया जाए। इस मामले में एनआरआई के सामने प्रॉपर्टी के व्यापक डाटा, नियमों की अस्पष्टता तथा वर्तमान कीमतों की जानकारी का अभाव जैसी समस्याएं प्रमुख रूप से सामने आती हैं। इन सभी सूचनाओं के लिए उन्हें प्राय: किसी तीसरे पक्ष पर निर्भर रहना पड़ता है। इस प्रकार की निर्भरता से यह जरूरी नहीं है कि निवेश का हर निर्णय बेहतर ही हो। यदि ये बाधाएं किसी तरह दूर की जा सकें तो इन निवेशकों की संख्या और बढ़ सकती है।
खुद के लिए प्रॉपर्टी चाहते हैं 60% लोग
नो ब्रोकर की रिपोर्ट में सामने आया है कि 60 प्रतिशत अनिवासी भारतीय खुद के उपयोग के लिए प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं, जिससे उनके देश से भावनात्मक जुड़ाव, सुरक्षा बोध और मातृभूमि में रहने की ललक का पता चलता है। वहीं 40 प्रतिशत एनआरआई निवेश के उद्देश्य से प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं। 43 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो भारत में रह रहे अपने परिवार के लोगों के लिए संपत्ति खरीदना चाहते हैं।
3 बीएचके की मांग एक व दो बीएचके से ज्यादा: एक या दो बीएचके के स्थान पर एनआरआई थ्री बीएचके मकानों को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं।
1 करोड़ रु. से अधिक निवेश करना चाहते हैं 26% लोग : एनआरआई खरीदारों में से 26 प्रतिशत ऐसे हैं जो अब एक करोड़ रु. से अधिक की संपत्ति खरीदना चाहते हैं। इस रुझान से यह पता चलता है कि एनआरआई निवेशकों की काफी संख्या हाई-वेल्यू इन्वेस्टमेंट यानी महंगे एवं लक्जरी रियल एस्टेट विकल्पों की तलाश में हैं।
52% एनआरआई ने कहा – संपत्ति की देखरेख के लिए प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सर्विसेस की तलाश
एनआरआई प्रॉपर्टी ओनर्स में से 52 प्रतिशत ओनर्स ने कहा कि उन्हें अपनी संपत्ति की देखभाल के लिए प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सर्विस की आवश्यकता है, जो उनकी संपत्तियों की देखरेख कर सके। विदेश में रहते हुए संपत्ति का प्रबंधन करना जटिल एवं चुनौतिपूर्ण कार्य है। एनआरआई ओनर्स अब प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सर्विसेस का महत्व पहचान चुके हैं। इसके लिए वे एक ऐसी भरोसमंद एजेंसी चाहते हैं जो निवेश को अच्छी तरह मेंटेन तथा आर्थिक रूप से इष्टतम बनाए रखे। इस सेवा के तहत किराएदार की तलाश करना, प्रॉपर्टी पर निगरानी रखना, किराया संकलित करना एवं प्रशासनिक जवाबदेही जैसी जिम्मेदारियां शामिल हैं जो निवेशकों को इन सब चिंताओं से दूर रख सकें।
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